
UPSCRDA development: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि राज्य का दिल है। इसकी रफ्तार, इसका विस्तार और इसकी योजनाएं पूरे प्रदेश के विकास की दिशा तय करती हैं। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (UPSCRDA) बनाया गया था। लेकिन, आठ महीने बीतने के बावजूद प्राधिकरण के कामों में अपेक्षित गति नहीं दिखी।
अब सरकार ने इस विकास परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए एक कार्यकारी समिति का गठन किया है। 21 सदस्यों वाली इस समिति का उद्देश्य राजधानी क्षेत्र में सुव्यवस्थित और समेकित विकास को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बन रहे इस मास्टर प्लान से उम्मीद है कि यह क्षेत्र प्रदेश का अगला आर्थिक और इंफ्रास्ट्रक्चर हब बन सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) प्लानिंग बोर्ड की तर्ज पर यूपीएससीआरडीए का गठन 19 जुलाई 2023 को किया था। हालांकि, अब तक इस प्राधिकरण द्वारा कोई विशेष कार्य नहीं किया जा सका था। अब कार्यकारी समिति के गठन के बाद इस क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने यूपीएससीआरडीए के कामकाज को आगे बढ़ाने के लिए नगर विकास, लोक निर्माण, ग्राम्य विकास, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, परिवहन और पंचायती राज विभाग के सचिव/विशेष सचिवों को कार्यकारी समिति में शामिल किया है। इसके अलावा, यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक, लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, स्थानीय निकाय निदेशक और विभिन्न जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को भी इसमें जोड़ा गया है।
यह प्राधिकरण 27,826 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करता है और सरकार का उद्देश्य राजधानी क्षेत्र के विकास को नई दिशा देना है।
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