आजम खान बोले- 'हो सकता है मेरा एनकाउंडर', अलग-अलग जेल शिफ्ट हुए बाप-बेटे

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एनकाउंडर का डर सता रहा है। रामपुर जेल से सीतापुर जेल भेजे जाने के दौरान उन्होंने कहा कि मेरा एनकाउंडर भी हो सकता है। कुछ भी हो सकता है।

रामपुर। उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता आजम खान को इन दिनों एनकाउंटर का डर सता रहा है। पुलिस की गाड़ी में बैठने की बात आने पर वह खौफजदा हो जाते हैं। लगता है कि कहीं जान न चली जाए। रविवार को भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने साफ-साफ कहा कि उनका एनकाउंटर हो सकता है।

दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्लाह और पत्नी तंजीन फातिमा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में जेल में बंद हैं। आरोप है कि अब्दुल्लाह ने दो डेट के जन्मप्रमाण पत्र इस्तेमाल किए। इस मामले में 18 अक्टूबर को रामपुर कोर्ट ने आजम परिवार को दोषी करार दिया था और 7-7 साल जेल की सजा दी थी।

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अलग-अलग जेल भेजे गए आजम और अब्दुल्लाह

रविवार सुबह आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया। पहले दोनों रामपुर जिला जेल में थे। आजम खान को सीतापुर जेल और अब्दुल्लाह को हरदोई जेल भेजा गया।

आजम बोले- हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है

जेल बदले जाने के दौरान आजम खान नाराज दिखे। पुलिस आजम खान और उनके बेटे को अलग-अलग गाड़ी में बिठा रही थी। इस दौरान आजम ने मौके पर मौजूद लोगों से कहा, "हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है। आप लोग...। कुछ भी हो सकता है।"

पुलिस ने अब्दुल्लाह को कैदी वैन में बिठाया तो आजम उसे देखने पहुंचे। अब्दुल्लाह वैन में बैठ गए तो आजम ने कहा कि इसे दो चादरें और एक जैकेट भिजवा देना। इसके बाद पुलिस अधिकारी आजम खान को उस गाड़ी की ओर ले गए, जिससे उन्हें सीतापुर जेल जाना था।

आजम बोले-बीच में नहीं बैठ सकता, बीमार हूं

पुलिस अधिकारी आजम खान को बोलेरो कार के पास ले गए और बीच की सीट के लिए दरवाजा खोला। यह देखकर आजम खान बोले, "बीच में नहीं बैठ पाऊंगा। बिल्कुल नहीं, बीमार आदमी हूं। मेरी कमर ही नहीं है इस लायक, मैं बीच में नहीं बैठूंगा। नहीं हम नहीं बैठ सकते बीच में। आप हमारी सेहत का तो खयाल करो।"

यह भी पढ़ें- आजम खान के पूरे परिवार को 7 साल की सजा, पत्नी-बेटे के साथ कोर्ट से सीधे जाएंगे जेल

पुलिस अधिकारियों के कहने पर आजम कार की खिड़की के साइड बैठ गए, लेकिन बीच में जाने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं बीच में नहीं बैठ सकता। हाथ-पैर तोड़कर ले जाओ हमारे यह दूसरी बात है।" इसके बाद पुलिस अधिकारी ने उन्हें साइड में ही बैठने दिया और सीतापुर जेल ले गए।

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