UP Swadeshi Mela 2025: इस दिवाली MSME, कारीगरों और लोकल इंटरपेन्योर के लिए क्या है सरप्राइज?

Published : Oct 09, 2025, 10:31 AM ISTUpdated : Oct 09, 2025, 10:36 AM IST
UP Swadeshi Mela 2025

सार

UP Swadeshi Mela: उत्तर प्रदेश में 9-19 अक्टूबर स्वदेशी मेले का आयोजन। MSME, कारीगर और हस्तशिल्पियों को जिला स्तर पर मिलेगा बड़ा मंच, दीपावली पर वोकल फॉर लोकल को मिलेगी नई दिशा, प्रदेशभर में 75 जिलों में रंगारंग आयोजन।

Local Products Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में 9 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच स्वदेशी मेले 2025 का आयोजन होने जा रहा है। लेकिन क्या यह सिर्फ एक मेला है या यह छोटे उद्यमियों, हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए दीपावली पर बड़ा आर्थिक अवसर भी लाएगा? उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस पहल के माध्यम से प्रदेश के एमएसएमई (MSME), खादी, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा दे रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री और प्रदेश के मुखिया की मंशा के अनुरूप, यह मेले “वोकल फॉर लोकल” की परिकल्पना को साकार करने और आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

क्या स्वदेशी मेला छोटे कारीगरों और उद्यमियों के लिए बड़ा मंच है?

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) की सफलता से प्रेरित होकर अब जिला स्तर पर भी छोटे उद्यमियों और कारीगरों को बड़ा मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। यूपीआईटीएस के तृतीय संस्करण में 2200 से अधिक स्टॉल और 500 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदार शामिल हुए थे। इसी सफलता को ध्यान में रखते हुए अब प्रदेश के 75 जिलों में हाई फुटफॉल वाले क्षेत्रों में स्वदेशी मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में टेंट और सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी ताकि गांवों से आने वाले छोटे कारीगर आसानी से अपने उत्पाद ला सकें और अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें।

क्या मेले में केवल बिक्री होगी या सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे?

सिर्फ व्यापार ही नहीं, बल्कि मेले में सांस्कृतिक प्रदर्शन और कला-कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी। स्थानीय कलाकारों, ओडीओपी हस्तशिल्पियों और खादी ग्रामोद्योग से जुड़े कारीगरों को अपने हुनर को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। इस तरह यह मेला दीपावली की खरीदारी के साथ-साथ सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक बन रहा है।

दीपावली पर स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी से क्या लाभ होगा?

मंत्री राकेश सचान के अनुसार, मेले में खरीदे जाने वाले उत्पाद न सिर्फ गांवों के कारीगरों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक लाभ देंगे बल्कि विदेशी उत्पादों पर निर्भरता को भी कम करेंगे। दीपावली से पहले होने वाली यह खरीदारी गांव-गांव तक सकारात्मक प्रभाव पहुंचेगी और छोटे उद्यमियों की खुशहाली बढ़ाएगी।

क्या युवा उद्यमियों को भी मिलेगा मौका?

सीएम युवा उद्यमी योजना के तहत प्रदेश के 95 हजार से अधिक युवाओं को स्वरोजगार हेतु 5 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मेले में उन्हें अपने उत्पादों को बड़े स्तर पर बेचने का मौका मिलेगा। यह कदम स्थानीय रोजगार सृजन और लघु उद्यम विकास में सहायक साबित होगा।

कौन-कौन से जिले मेले का शुभारंभ करेंगे?

प्रदेश के सभी जिलों में मंत्री, विधायक और सांसद मेले का उद्घाटन करेंगे। उदाहरण के तौर पर, लखनऊ में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, अयोध्या में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, आगरा में बेबी रानी मौर्य, प्रयागराज में नंद गोपाल गुप्ता नंदी मेले का शुभारंभ करेंगे। इस तरह पूरे प्रदेश में राजनीतिक और प्रशासनिक समर्थन से मेले को सफलता मिलेगी।

क्या यह प्रयास उत्तर प्रदेश की आत्मनिर्भरता में बदलाव ला सकता है?

राकेश सचान ने बताया कि यह मेले विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होंगे। 96 लाख से अधिक MSME इकाइयों को जिले स्तर पर अपने उत्पाद प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। इस पहल से स्थानीय उद्योग, रोजगार और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

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