इस गांव में सैंकड़ों लकड़े घूम रहे हैं कुंवारे, इस वजह से लड़की वाले नहीं दे रहें अपनी बेटी

Published : Jul 11, 2025, 06:32 PM IST
unmarried boys

सार

Mainpuri News: मैनपुरी के नगला खुशाली गांव में खराब सड़क के कारण युवकों की शादी नहीं हो पा रही है। सौ से ज़्यादा युवक शादी के लिए परेशान हैं। ग्रामीणों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

Uttar Pradesh News: यूपी के मैनपुरी ज़िले का एक गांव चर्चा में है। क्योंकि, इस गांव के ज़्यादातर लड़कों की शादी नहीं हो रही है। इसकी वजह है जर्जर सड़क। इसे लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। दरअसल, गांव में सड़क न होने की वजह से युवाओं को शादी के प्रस्ताव नहीं मिल रहे हैं। 100 से ज्यादा लड़के अविवाहित घूम रहे हैं, जबकि उनकी शादी की उम्र हो गई है और वे दुल्हन की तलाश में हैं।

आपको बता दें कि इस गांव का नाम नगला खुशाली है, जो करहल विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां के निवासी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, क्योंकि गांव तक जाने वाला रास्ता बरसात में दलदल और कीचड़ में बदल जाता है। इससे गांव के युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।

ग्रामीणों की मानें तो नगला खुशाली गांव में जर्जर सड़क की वजह से युवाओं के लिए शादी के प्रस्ताव नहीं आ रहे हैं। इस गांव में सौ से ज्यादा अविवाहित युवक हैं जिनकी शादी की उम्र बीत रही है। यह गांव घिरोर थाना क्षेत्र में स्थित है।

गांव की सड़कें बेहद खराब हैं

इस गांव की ओर जाने वाली सड़क को देखकर आप सोच में पड़ जाएंगे कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क। बरसात में तो यह सड़क पानी और कीचड़ से तालाब और दलदल में तब्दील हो जाती है। फिर वाहनों की तो बात ही छोड़िए, इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

ये भी पढ़ें- यूपी में हरियाली की नई लहर! जानिए, क्या है 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' का कमाल?

अखिलेश यादव इस इलाके से विधायक रह चुके हैं

गौरतलब है कि यह वही करहल विधानसभा क्षेत्र है जहां से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी विधायक रह चुके हैं। वह लगातार समाजवादी पार्टी से विधायक रहे हैं। फिर भी इन बेचारे ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से सड़क के लिए गुहार लगाई, लेकिन नतीजा सिफर रहा।

यादव बहुल इस गांव के लोगों ने हमेशा समाजवादी पार्टी का साथ दिया है, चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, यहां साइकिल हमेशा आगे रही है। इस गांव में एक सरकारी स्कूल भी है, लेकिन बच्चों की संख्या कम होने के कारण उसे भी तीन किलोमीटर दूर कर दिया गया है। अब बच्चों के माता-पिता उन्हें दूर के स्कूलों में भेजने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों ने इसके लिए विरोध भी जताया था, लेकिन खराब सड़क और स्कूल के विलय को लेकर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

ये भी पढ़ें- भगवान राम, कृष्ण व शंकर के बिना भारत का पत्ता भी नहीं हिल सकता :सीएम योगी आदित्यनाथ

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

बिहार चुनाव में जीत के बाद यूपी पर चिराग पासवान की नजर, 2027 चुनाव का ऐलान
कानपुर–लखनऊ एक्सप्रेस-वे बनेगा स्टार्टअप ग्रोथ का नया इंजन, बदलेगा यूपी