
लखनऊ। लखनऊ में चल रहे उत्तराखंड महोत्सव में रविवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपत्ति के समय लोककला और लोकगीत ही इतिहास को सुरक्षित रखते हैं। कई गौरवशाली क्षण विदेशी इतिहासकारों ने दर्ज नहीं किए, लेकिन लोकपरंपराएं उन्हें जीवित रखती हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने 10 दिवसीय ‘उत्तराखंड महोत्सव-2025’ में लोककला और संस्कृति के संरक्षण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे महोत्सव न हों तो आज की भागदौड़ में कई लोग अपनी संस्कृति से दूर हो जाएंगे। लोकगीत, लोककला और लोकसंस्कृति हमारी पहचान को बनाए रखते हैं।
उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना, सरयू और शारदा जैसी नदियां उत्तराखंड से निकलकर उत्तर प्रदेश की धरती को उपजाऊ बनाती हैं। उत्तराखंड के युवा देश की सुरक्षा के लिए अपनी जवानी समर्पित करते हैं, और यही राज्य देश को आध्यात्मिक व सांस्कृतिक ऊर्जा देता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम लोककला और संस्कृति को जीवंत रखते हैं। यह महोत्सव अवध और उत्तराखंड की संस्कृतियों का सुंदर समन्वय भी है। उत्तराखंड के बद्री विशाल और चार धाम, अवध के श्रीराम के साथ मिलकर कार्यक्रम को नई ऊंचाई देते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य 9 नवंबर 2000 को श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बना। उन्होंने यूपी के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत के योगदान को भी याद किया। साथ ही हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जैसे महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि दी।
सीएम योगी ने कहा कि पहले CDS जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड की महान देन हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देश के दूसरे CDS भी इसी क्षेत्र से हैं। उत्तराखंड ने भक्ति और शक्ति का अनूठा संदेश देश को दिया है।
उन्होंने कहा कि महापरिषद प्रतिवर्ष ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ देती है, और इस बार डॉ. सुरेश चंद्र फुलारा, डॉ. मंजू बाला, डॉ. चंद्र मोहन नौटियाल और प्रो. दीवान एस. रावत को सम्मानित करने का निर्णय सराहनीय है। कला, शिक्षा, विज्ञान और समाज के लिए कार्य करने वाले लोग प्रेरणा स्रोत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रतीक है। वह 9 नवंबर को शामिल नहीं हो सके, लेकिन आयोजन की निरंतरता की कामना की और महापरिषद का आभार जताया। कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन, स्मारिका विमोचन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित की गईं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि लखनऊ को UNESCO द्वारा "वर्ल्ड क्रिएटिव सिटी" में शामिल करना गौरव की बात है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार की सक्रिय भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड महोत्सव सिर्फ सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि देवभूमि की आत्मा और परंपरा को संरक्षित करने का माध्यम है।
शेखावत ने कहा कि उत्तराखंड का प्राचीन इतिहास देश को सांस्कृतिक चेतना देता है और प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसे देश की आध्यात्मिक दिशा दिखाने वाली भूमि बताया है। इसकी संस्कृति भारत की विविध परंपराओं को समृद्ध करती है।
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