वाराणसी के कारोबारी परिवार की हत्या के 3 अहम किरदार, जानें कौन और क्यों?

Published : Nov 06, 2024, 11:01 AM IST
Liquor businessman Rajendra Gupta murder case in Varanasi

सार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार की हत्या ने 27 साल पुराने विवाद की यादें ताजा कर दीं। पुलिस जांच में परिवार के आपसी रंजिशों और हत्या के इतिहास की संलिप्तता सामने आ रही है।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार की हत्या का मामला रहस्यमयी हो गया है। राजेंद्र की पत्नी और तीन बच्चों के साथ उसकी मौत ने पुलिस और स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है। जांच में यह मामला 27 साल पुराने खून-खराबे और बदले की भावना से जुड़ा दिखाई दे रहा है, लेकिन फिलहाल पुलिस अभी स्पष्ट तौर पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। हालांकि इस सामूहिक हत्याकांड में परिवार के ही 3 किरदार शक के दायरे में हैं। जिसमें प्रथम दृष्टया उसके दो भतीजे और दूसरी स्थिति में पहली पत्नी और बेटे की भी भूमिका तलाशी जा रही है। 

घटना के पीछे सामने आ रही 27 साल पुरानी दुश्मनी

बात आज से करीब 27 साल पहले की है। जब वर्ष 1997 में भदैनी के एक समृद्ध कारोबारी परिवार में भाइयों के बीच आपसी व्यवसायिक मतभेदों ने हिंसक रूप ले लिया था। यहां के रहने वाले राजेंद्र गुप्ता ने अपने छोटे भाई कृष्णा गुप्ता और उसकी पत्नी की हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद राजेंद्र को जेल हुई, लेकिन दुश्मनी कायम रही। मारे गए भाई कृष्णा के 2 बेटे जुगनू और विक्की थे, जिन्होंने राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ थाने से लेकर कोर्ट तक केस की गवाही दी और पैरवी की। जिससे परिवार में विवाद बरकरार रहा। इस दौरान शराब ठेका और प्रॉपर्टी के कारोबार राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण संभालते रहे। उन्होंने अपने पौत्र जुगनू और विक्की को भी काम सिखाना शुरू कर दिया था।

सुपारी देकर करा दी थी पिता की हत्या

जेल में करीब 6 साल बीताने के बाद वर्ष 2003 में राजेंद्र पैरोल पर छूटकर बाहर आ गया। उसके बाद उसने पैतृक कारोबार पर अपना रियासत बनाना शुरू कर दिया, लेकिन छोटे बेटे-बहू की हत्या का आरोप लगने के बाद पिता लक्ष्मी नारायण राजेंद्र को किसी भी सूरत में परिवार में शामिल करने काे तैयार नहीं थे, इसलिए राजेंद्र को अपने घर और कारोबार दोनों से बाहर कर दिया, जो कि राजेंद्र को नागवार गुजरा और उसने अपने पिता को भी रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। पुलिस रिकार्ड के अनुसार आचार्य रामचंद्र शुक्ल चौराहे के समीप स्थित देशी सराब के ठेके समीप राजेंद्र ने पिता लक्ष्मी नारायण का मर्डर करा दिया। साथ में चलने वाले उनके सिक्योरिटी गार्ड की भी हत्या हो गई। जांच में पता चला कि ये डबल मर्डर सुपारी देकर कराया गया था।

जेल से बाहर आने के बाद पहली पत्नी को छोड़ रचा ली थी माशूका से शादी

पिता के रास्ते से हटने के बाद राजेंद्र गुप्ता ने पूरे कारोबार की बागडोर अपने हाथ में ले ली। दूसरी तरफ उसकी निजी जिंदगी में भी भूचाल आ चुका था। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपनी पहली पत्नी और उससे पैदा हुए एक बेटे को छोड़ दिया। पहली शादी उसकी 1995 में हुई थी। जब वह 2003 में जेल से बाहर आया तो उसने पहली पत्नी और बेटे को छोड़कर नीतू से शादी कर ली। नीतू से उसके दो बेटे नवनेंद्र (20) और सुबेंद्र (14) तथा बेटी गौरांगी (16) थी। नवनेंद्र बेंगलुरु में मल्टीनेशनल कंपनी में इंजीनियर था, जबकि सुबेंद्र और गौरांगी DPS में पढ़ते थे। पुलिस को जांच में पता चला कि कुछ दिन बाद राजेंद्र और नीतू के बीच भी झगड़ा होने लगा था।

हजम नहीं हो रही परिवार की हत्या के बाद खुदकुशी की थ्यौरी

सोमवार यानि 4 नवंबर 2024 की रात में राजेंद्र के तीनों बच्चों और पत्नी नीतू की लाश मिली थी। चारों को गोली मारी गई थी। तब ये बात सामने आई कि राजेंद्र ने ही एक तांत्रिक के चक्कर में फंसकर परिवार की हत्या कर दी। हालांकि घटना के कुछ घंटे बाद घटनास्थल से करीब 15 किमी दूर राजेंद्र गुप्ता खुद एक अर्धनिर्मित मकान में मृत मिला था। जिसके बाद ये सवाल उठने लगा कि आखिर परिवार की हत्या के बाद राजेंद्र इतनी दूर जाकर क्यो आत्महत्या किया।

घटना वाली रात राजेंद्र के घर के आस पास दिखे थे दोनों भतीजे

जांच में पूलिस को पता चला कि घटना वाली रात राजेंद्र के भतीजे जुगनू और बिक्की को घटनास्थल के आसपास देखा गया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि दोनों के दिलों में अपने माता-पिता की हत्या की कड़वाहट अभी भी बनी हुई थी। राजेंद्र की दूसरी पत्नी नीतू के साथ भी उनके संबंधों में तनाव था, जिसे लेकर उनके परिवार में अक्सर विवाद होता रहता था।

मां और नौकरानी ने घर में किसी विवाद से किया इनकार

राजेंद्र की मां शारदा देवी और घर में काम करने वाली नौकरानी रेनू वर्मा ने दावा किया कि हालात सामान्य थे। मां के मुताबिक राजेंद्र दिवाली के बाद नए घर में रहने चला गया था और भाई दूज पर भी परिवार के साथ था। इस पर पुलिस को संदेह है कि अगर सब कुछ सामान्य था, तो राजेंद्र ने अपने परिवार का ही मर्डर क्यों किया होगा। नौकरानी रेनू का कहना है कि वह उस घर में बीते पांच साल से काम कर रही है। दीवाली पर पूरा परिवार खुश था।

पुलिस जांच के अहम सवाल

पुलिस कई पहलुओं पर जांच कर रही है। सवाल यह है कि राजेंद्र अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या कर खुद आत्महत्या कैसे कर सकता है? पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से राजेंद्र और परिवार के सदस्यों की मौत के समय का भी खुलासा होगा, जिससे घटना के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है। पुलिस ने उसके भतीजों के अलावा पहली पत्नी के बेटे को भी पूछताछ के लिए बुलाया है, जिसकी लोकेशन आसनसोल, पश्चिम बंगाल मिली है।

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