वाराणसी जिला कोर्ट में अमिताभ ठाकुर की पेशी, सुरक्षा के बीच छावनी में बदला कचहरी परिसर

Published : Dec 19, 2025, 11:09 PM IST
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सार

वाराणसी जिला कोर्ट में पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना प्रमुख अमिताभ ठाकुर की पेशी हुई। कफ सिरप मामले से जुड़े केस को लेकर कचहरी परिसर छावनी में तब्दील रहा। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।

वाराणसी: कफ सिरप प्रकरण से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को वाराणसी जिला न्यायालय में उस वक्त हलचल तेज हो गई, जब पूर्व आईपीएस अधिकारी और आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर की पेशी हुई। पेशी को लेकर जिला कोर्ट परिसर को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया था और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे।

यह मामला वीडीए सदस्य अम्बरीश सिंह भोला से जुड़ा है। आरोप है कि कोडीन कफ सिरप प्रकरण में अम्बरीश सिंह भोला को लेकर सरकार को पत्र लिखने और एक वीडियो जारी करने के बाद चौक थाने में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसी मामले में शुक्रवार शाम उनकी जिला न्यायालय में पेशी कराई गई।

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कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाए गए अमिताभ ठाकुर

अमिताभ ठाकुर को बंद वाहन में वाराणसी सेंट्रल जेल से कोर्ट परिसर लाया गया। उन्हें सीधे सीजेएम कोर्ट के गेट से अंदर प्रवेश कराया गया, ताकि मीडिया से किसी तरह का संपर्क न हो सके। पुलिस ने मीडिया कवरेज रोकने के लिए विशेष रणनीति अपनाई थी। कोर्ट परिसर में तीन स्तरों में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, जिसमें एक पंक्ति महिला पुलिसकर्मियों की भी थी।

अमिताभ ठाकुर को बॉडी प्रोटेक्टर और बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में कोर्ट के भीतर ले जाया गया। पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में दिखाई दी।

पेशी से पहले कचहरी में रहा तनावपूर्ण माहौल

अमिताभ ठाकुर की पेशी से पहले जिला कचहरी परिसर में माहौल काफी गर्म रहा। सुरक्षा व्यवस्था के तहत पूरे परिसर को छावनी का रूप दे दिया गया था। डीसीपी गौरव बंसवाल, एसीपी सजीव श्रीवास्तव और एसपी गौरव कुमार की निगरानी में सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

बचाव पक्ष ने एफआईआर पर उठाए सवाल

अमिताभ ठाकुर की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि चौक थाने में दर्ज एफआईआर में लगाए गए दो धाराएं असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती हैं, जिनमें मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि शेष धाराओं में अधिकतम सजा सात वर्ष से कम है, ऐसे मामलों में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं होता। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी विधिक प्रावधान दाखिल किए गए हैं और रिमांड का विरोध किया गया है। अब आगे मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश पारित किया जाना है।

देवरिया जेल से वाराणसी लाए गए थे अमिताभ ठाकुर

बताया गया कि बी-वारंट के तहत अमिताभ ठाकुर को गुरुवार शाम देवरिया जेल से वाराणसी लाया गया था। पेशी से पहले उन्हें वाराणसी सेंट्रल जेल में रखा गया था। शुक्रवार को कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें पुनः सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इस मामले को लेकर जिला न्यायालय और प्रशासनिक हलकों में दिनभर चर्चा बनी रही, जबकि अगली कानूनी प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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