
वाराणसी। नए साल की शुरुआत के साथ ही पूर्वांचल की फिजाओं में सर्दी ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। वाराणसी समेत आसपास के जिलों में सुबह की ठिठुरन और देर रात की कड़ाके की ठंड लोगों की दिनचर्या पर भारी पड़ रही है। गलियों से लेकर घाटों तक ठंड का असर साफ दिख रहा है, जहां लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने को मजबूर हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल ठंड से राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भू-भौतिकी विभाग के प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से तापमान में आई गिरावट इसी मौसमी प्रणाली का असर है। ठंडी हवाओं के साथ सर्दी और तेज महसूस की जा रही है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि जल्द ही एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके बीच एक-दो दिन हल्की राहत मिल सकती है, लेकिन इसके बाद ठंड फिर बढ़ेगी। मौजूदा हालात को देखते हुए 15 जनवरी तक ठंड का यह सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
बढ़ती ठंड के चलते लोग अलाव, गर्म कपड़े और गर्म पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं। डॉक्टरों ने बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है, क्योंकि इस मौसम में सर्दी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
वाराणसी के साथ-साथ जौनपुर, आजमगढ़, चंदौली, सोनभद्र और प्रयागराज में भी तापमान लगातार गिर रहा है। ठंडी हवाओं और घने कोहरे ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। सुबह के समय दृश्यता काफी कम हो रही है, जिससे आवागमन में परेशानी बढ़ गई है।
प्रयागराज में घना कोहरा और ठंड लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। विजिबिलिटी कम होने के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। रोजमर्रा के कामकाज के लिए निकलने वाले लोगों का कहना है कि ठंड का असर अब शरीर पर साफ महसूस हो रहा है और हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगे हैं।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि पूर्वांचल में ठंड का यह दौर अभी और चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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