
Varanasi suicide case: राघव का चौथा जन्मदिन उसकी मां ने पूरी धूमधाम से मनाया था। घर में रौनक थी, रिश्तेदार जुटे थे, केक कटा, तस्वीरें खिंचीं। लेकिन उस जश्न के दो दिन बाद उसी घर में मातम पसर गया। वजह – एक मोबाइल गेम और पति का बेरुखी भरा जवाब।
वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र के भरलाइ इलाके में रहने वाली ज्योति सिंह, जो केंद्रीय विद्यालय आयर में शिक्षिका थीं, ने गुरुवार को खुदकुशी कर ली। पति से बहस के बाद वो तमतमाकर कमरे में गईं और पंखे से लटककर जान दे दी। लड़ाई की वजह बेहद मामूली थी—पति मोबाइल गेम खेल रहे थे, और ज्योति ने कहा कि "बेटे को लेकर आओ।" पति के इनकार से आहत होकर उन्होंने ये कठोर कदम उठा लिया।
पति ने जब देखा कि दरवाजा नहीं खुल रहा, तो कई बार आवाज लगाई, हाथ जोड़े, माफी मांगी। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पड़ोसियों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया और ज्योति को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद जब अस्पताल से पुलिस को सूचना दी गई, तो दो घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बार-बार कहने पर भी पुलिस वीआईपी मूवमेंट का हवाला देकर मामले को टालती रही। आखिरकार चौकी इंचार्ज ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
ज्योति की शादी साल 2019 में मनिहारी सकलडीहा निवासी रोहित सिंह से हुई थी, जो एक टाइल्स कंपनी में सेल्स मैनेजर हैं। दोनों का एक बेटा राघव है, जिसकी उम्र चार साल है। 1 अप्रैल को राघव का जन्मदिन था, जिसे ज्योति ने बड़े उत्साह से मनाया। 2 अप्रैल को वो अपने पति के साथ एक पारिवारिक बर्थडे पार्टी में भी शामिल हुई थीं।
ज्योति के भाई मनमीत सिंह ने बताया कि बहन और जीजा के बीच चार साल में कभी कोई गंभीर झगड़ा नहीं हुआ। ससुराल पक्ष ने कभी दहेज की मांग भी नहीं की। हालांकि, बहन को माइग्रेन की गंभीर समस्या थी, जिसकी वजह से उनका मूड जल्दी खराब हो जाता था।
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