जीरो गरीबी से AI टेक्नोलॉजी तक-2047 में कैसा होगा उत्तर प्रदेश? जानें योगी सरकार का मास्टर प्लान

Published : Aug 14, 2025, 11:12 AM ISTUpdated : Aug 14, 2025, 11:13 AM IST
Yogi government development blueprint

सार

Breaking UP Vision 2047: यूपी विधानसभा में 24 घंटे चली ऐतिहासिक चर्चा में योगी सरकार ने खोला रहस्यमयी विकास खाका—जीरो गरीबी, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, एआई टैक्स कंट्रोल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और ₹40 लाख करोड़ निवेश योजना का ऐलान।

UP Assembly 24-Hour Discussion: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ‘विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश’ विजन 2047 पर ऐतिहासिक चर्चा शुरू हुई। यह चर्चा 24 घंटे तक चलेगी। इस चर्चा में योगी गवर्नमेंट के मिनिस्टर्स ने राज्य की इकोनॉमिक ग्रोथ, सोशल जस्टिस, पर्यावरण संरक्षण और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट पर अपने विचार शेयर किये। मंत्रियों ने दोहराया कि 2047 तक यूपी को देश का सबसे विकसित राज्य बनाया जाएगा। इस विजन में जीरो गरीबी, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी नवाचार जैसे लक्ष्य शामिल हैं।

हर मंडल में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 2017 से पहले यूपी में सड़कें, कानून-व्यवस्था और बिजली की हालत खराब थी। अपराधों को राजनीतिक संरक्षण मिलता था। लेकिन अब प्रदेश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस-वे हैं और 75 जिलों को फोर-लेन सड़कों से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि यूपी गेहूं, दूध और चीनी उत्पादन में देश में नंबर वन है। स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी प्रगति हुई है—80 मेडिकल कॉलेज, रायबरेली और गोरखपुर में एम्स, और 5,250 MBBS सीटें बढ़ी हैं। 5.5 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं आयुष्मान भारत योजना में।

टीबी, मलेरिया और जल जनित रोगों को 2047 तक खत्म करने का टारगेट है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर हर मंडल में बनाए जाएंगे। डायबिटीज, हाइपरटेंशन और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए डिजीज सर्विलांस और प्रिवेंशन सिस्टम बनाये जायेंगे। जलवायु परिवर्तन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

टैक्स की चोरी रोकने के लिए AI का इस्तेमाल : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना

फाइनेंस मिनिस्टर सुरेश खन्ना ने बताया कि पिछले 8 सालों में राज्य ने इकोनॉमिक सेक्टर में रिकॉर्ड ग्रोथ की है। इस साल UP की GSDP को 29.87 लाख करोड़ रुपये से बढ़ा कर 35 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का टारगेट है। 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें पूर्वांचल और बुंदेलखंड में उद्योग लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2047 तक यूपी को सबसे विकसित राज्य बनाने के लिए जीरो गरीबी, पसंदीदा निवेश गंतव्य, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पेस टेक्नोलॉजी और आईटी हब जैसे लक्ष्य रखे गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए 242 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके हैं। कृषि में नई तकनीक और अच्छे बीजों पर शोध बढ़ाया जाएगा। कर चोरी रोकने के लिए एआई और अन्य तकनीकों का उपयोग होगा। आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने और योग से स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा।

नदियों और सिंचाई व्यवस्था में बड़ी उपलब्धियां : जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि 2017 से पहले यूपी को बीमारू राज्य कहा जाता था और निवेशक पलायन कर रहे थे। लेकिन अब प्रदेश ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार जीता है। उन्होंने बताया कि 76,527 किलोमीटर नहरों से 1.04 करोड़ हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है। केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखंड के लिए शुरू हो चुकी है। यूपी में 8 मुख्य नदियां, 58 छोटी नदियां और 15,225 किलोमीटर लंबी नदी प्रणाली है।

बाढ़ सुरक्षा और नदी संरक्षण में बड़े कदम 

523 तटबंधों से प्रदेश को बाढ़ से सुरक्षा मिल रही है। सभी बांधों का आधुनिकीकरण, बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली की स्थापना और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की योजना पर काम जारी है। नहर किनारे बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण भी किया जाएगा।

बिजली और शहरी विकास में रिकॉर्ड सुधार: ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि यूपी, पीएम के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। 2017 से पहले गांवों में न खंभे थे, न तार, और बिजली बिलों में घोटाले आम थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। अब 32,000 मेगावाट की पीक डिमांड पूरी की जा रही है, जो 2012-17 में सिर्फ 13,000 मेगावाट थी। 8 साल में 15 लाख किसानों को नलकूप मिले हैं और 1.5 लाख मजरों का विद्युतीकरण हुआ है। 9,120 मेगावाट तापीय बिजली का उत्पादन हो रहा है, 29 लाख खंभे बदले गए हैं और 38,000 ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत हर महीने हो रही है। स्मार्ट मीटर से बिजली शिकायतें कम हुई हैं। लखनऊ देश के 3 सबसे स्वच्छ शहरों में है और यूपी के 6 शहर देश के 20 सबसे साफ शहरों में शामिल हैं। 2047 तक बिजली और शहरी प्रबंधन में यूपी को ‘रामराज्य’ के वैभव तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

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