
कभी सिर्फ सत्ता और योजनाओं की दिशा सरकारें तय करती थीं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश का भविष्य खुद प्रदेशवासी लिख रहे हैं। “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान में प्रदेश के गांव-गांव और शहर-शहर से जनता की आवाज सीधे सरकार तक पहुंच रही है। मंगलवार तक इस पहल को पांच लाख से अधिक सुझाव मिले हैं, जिनमें सबसे बड़ी भागीदारी ग्रामीण क्षेत्रों की रही है।
राज्य के 75 जिलों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों ने शिक्षकों, छात्रों, किसानों, उद्यमियों, मीडिया प्रतिनिधियों और आम जनता से संवाद कर सुझाव एकत्रित किए हैं।
अभियान में ग्रामीण जनता की भागीदारी सबसे ज्यादा रही। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों से चार लाख और शहरी क्षेत्रों से एक लाख से अधिक सुझाव सरकार तक पहुंचे हैं।लोगों ने सबसे अधिक सुझाव शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार को लेकर दिए। साथ ही कृषि, तकनीक, आईटी, उद्योग, नगरीय और ग्रामीण विकास से जुड़े मुद्दे भी प्राथमिकता में रहे।
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प्रयागराज, गोरखपुर, मेरठ, कानपुर नगर, बस्ती और फिरोजाबाद समेत कई जिलों से लाखों फीडबैक मिले हैं। अकेले 14 जिलों से ही दो लाख से ज्यादा सुझाव दर्ज हुए।
योगी सरकार का कहना है कि जनता से मिले इन बहुमूल्य सुझावों को 2047 तक के विकास रोडमैप का हिस्सा बनाया जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और डिजिटल कनेक्टिविटी को खास प्राथमिकता मिलेगी।
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