
लखनऊ। उत्तर प्रदेश आने वाले 22 वर्षों में एक नए औद्योगिक और सामरिक रूप में उभरने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने "विकसित यूपी @2047" का विजन तय किया है। लक्ष्य है कि प्रदेश को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाए। इसमें दो बड़े स्तंभ होंगे – निवेश और रक्षा उद्योग। ये न केवल यूपी की समृद्धि बल्कि पूरे देश की आत्मनिर्भरता को मजबूत करेंगे।
2017 से पहले यूपी निवेश और उद्योग के क्षेत्र में काफी पीछे था। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बेहद सीमित था। रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी लगभग नहीं थी। निवेशकों को न सुरक्षित माहौल मिलता था और न ही नीति सहयोग।
बीते साढ़े आठ सालों में यूपी ने उद्योग और निवेश में ऐतिहासिक प्रगति की है।
सरकार ने उद्यमियों के लिए 33 सेक्टरल नीतियां लागू कीं और “निवेश मित्र” जैसा डिजिटल प्लेटफार्म शुरू किया, जो देश का सबसे सफल सिंगल विंडो पोर्टल बन गया है।
आज यूपी देश का सबसे बड़ा MSME केंद्र है, जहां 96 लाख से अधिक इकाइयां काम कर रही हैं।
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फरवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा की। इससे यूपी सामरिक मजबूती का केंद्र बन गया।
अदाणी, एआर पॉलिमर, वैरिविन डिफेंस, एमिटेक इंडस्ट्रीज और ब्रह्मोस जैसी बड़ी कंपनियां यहां सक्रिय हो चुकी हैं।
रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए सरकार ने IIT कानपुर और IIT BHU से समझौता किया है। ये संस्थान रक्षा निवेशकों को R&D, स्टार्टअप इनक्यूबेशन और नई तकनीक उपलब्ध करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य है:
फिलहाल यूपी की GSDP करीब 353 बिलियन डॉलर है। लक्ष्य है:
इसके लिए यूपी को लगभग 16% वार्षिक ग्रोथ रेट बनाए रखना होगा। इस लक्ष्य में निवेश और रक्षा उद्योग दोनों मुख्य आधार होंगे।
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