
उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प के साथ योगी सरकार ने “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान में जनता की सक्रिय भागीदारी देखने को मिल रही है। खास बात यह है कि अब तक 1 लाख से अधिक नागरिक अपने सुझाव और फीडबैक दे चुके हैं, जो प्रदेश की भविष्य की विकास दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
प्रदेश के 65 जनपदों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने छात्रों, शिक्षकों, उद्यमियों, किसानों, व्यवसायियों, स्वयंसेवी संगठनों और आम नागरिकों से मुलाकात कर उनके विचार सुने। संवाद के दौरान न केवल योगी सरकार की आठ वर्षों की विकास यात्रा पर चर्चा हुई बल्कि भविष्य की नीतियों के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए गए।
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सरकारी पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक 1 लाख से अधिक सुझाव दर्ज हो चुके हैं। इनमें से लगभग 79,000 ग्रामीण क्षेत्रों से और 21,000 नगरीय क्षेत्रों से आए हैं।
जनता द्वारा दिए गए सुझावों में शिक्षा क्षेत्र सबसे आगे रहा, जिसमें 35,047 सुझाव शामिल हैं। इसके अलावा:
बलिया, बलरामपुर, जौनपुर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फिरोजाबाद, मैनपुरी और प्रतापगढ़ जैसे जिलों से सबसे अधिक 3,500 से अधिक सुझावमिले हैं। यह दर्शाता है कि प्रदेश के इन क्षेत्रों में जनता अभियान से विशेष रूप से जुड़ी हुई है।
कृषि क्षेत्र से जुड़े सुझावों की संख्या भी उल्लेखनीय रही। किसानों ने तकनीकी खेती, ड्रिप सिंचाई, सौर ऊर्जा आधारित पंप, बायो गैस संयंत्र, ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल मंडियों को बढ़ावा देने की बात रखी। इसके साथ ही उन्होंने कोल्ड स्टोरेज की सुविधा, उन्नत बीज, उर्वरक, रियायती कृषि उपकरण और फसलों के लिए उचित समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग भी की।
सरकार ने साफ किया है कि जनता से मिले इन सुझावों का गहन विश्लेषण कर नीतियों में शामिल किया जाएगा। इससे यह साफ है कि प्रदेशवासी केवल विकास यात्रा के साक्षी ही नहीं, बल्कि विकसित यूपी @2047 के निर्माण में सक्रिय भागीदार भी बन रहे हैं।
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