UP electricity Smart Meter Price Hike: उत्तर प्रदेश में नया बिजली कनेक्शन अब केवल प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ मिलेगा। शुल्क छह गुना तक बढ़ने से उपभोक्ता परिषद और आम जनता ने विरोध शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश में नया बिजली कनेक्शन लेना अब छह गुना तक महंगा हो गया है? पावर कारपोरेशन ने बड़ा आदेश जारी किया है कि प्रदेश में अब केवल प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ ही नए कनेक्शन दिए जाएंगे। यानी चाहें या न चाहें, हर उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर लगवाना ही होगा।

छह गुना तक बढ़ गया कनेक्शन का खर्च?

  • पहले 1 किलोवाट कनेक्शन की कीमत 1032 रुपये थी, अब 6166 रुपये हो गई है।
  • 5 किलोवाट कनेक्शन 7075 रुपये से बढ़कर 15470 रुपये पर पहुंच गया है।

इतनी बड़ी बढ़ोतरी ने उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डाला है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का कहना है कि अब नया कनेक्शन लेना आसान नहीं रहा।

यह भी पढ़ें: Lucknow-Kanpur बनेंगे भारत के पहले AI City Hub, योगी सरकार ने कर ली प्लानिंग

नियामक आयोग से मंजूरी तक नहीं

उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि पावर कारपोरेशन ने बिना नियामक आयोग की अनुमति लिए ही यह फैसला लागू कर दिया। परिषद का कहना है कि यह पूरी तरह से पारदर्शिता के खिलाफ है और जनता पर बोझ डालने वाला कदम है।

उपभोक्ता परिषद का कड़ा विरोध

  • इस फैसले को षड्यंत्र करार दिया गया है।
  • नियामक आयोग में लोकमहत्व प्रस्ताव दाखिल किया गया है।
  • स्मार्ट मीटर खरीद के लिए निकाले गए 100 करोड़ रुपये के टेंडर पर भी सवाल उठाए गए हैं।

उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया है कि इस तरह की भारी-भरकम बढ़ोतरी के लिए नियामक आयोग से कोई अनुमति नहीं ली गई। परिषद का कहना है कि बिना औपचारिक मंजूरी लिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त शुल्क थोपना पारदर्शिता के खिलाफ है। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस फैसले को उपभोक्ताओं के खिलाफ षड्यंत्र बताया है। परिषद ने नियामक आयोग में लोकमहत्व प्रस्ताव भी दाखिल किया है और आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है। इसके साथ ही, मीटर खरीद के लिए जारी 100 करोड़ रुपये के टेंडर पर भी सवाल उठाए गए हैं। परिषद का आरोप है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शिता के नियमों के विपरीत है।

यह भी पढ़ें: क्या गंगा जल सच में कभी दूषित नहीं होता? डॉ. सोनकर की स्टडी में सामने आया चमत्कारिक सच