किस काम के लिए 1 लाख करोड़ खर्च करने जा रही योगी सरकार, जानिए मास्टर प्लान

Published : Dec 02, 2025, 11:57 AM IST
yogi government ambulance scheme

सार

UP 2047 Viksit Bharat : विकसित यूपी-2047 के लक्ष्य हेतु स्वास्थ्य क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य हर घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है। सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा।

विकसित यूपी- 2047 लक्ष्य की प्राप्ति के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च होंगे 1 लाख करोड़ रुपये' :ब्रजेश पाठक

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए हर संभव सहयोग करेगी प्रदेश सरकार- उपमुख्यमंत्री

विकसित यूपी- 2047 का महत्वपूर्ण लक्ष्य, हर घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना

लखनऊ, 01 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप विकसित यूपी 2047 के तहत प्रदेश में स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य शिक्षा के विकास के लिये स्टेकहोल्डर्स की कॉनफ्रेंस का आयोजन राजधानी में किया गया। उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में उत्तर प्रदेश का योगदान महत्वपूर्ण है। विकसित यूपी- 2047 बनाने में हेल्थ सेक्टर को मजबूत करने के लिए आने वाले दस वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में तेज विकास हुआ है, लेकिन इसे विकसित देशों के समकक्ष बनाने के लिये हमें अभी और भी प्रयास करना है। कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन अवसर पर राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह, मुख्यमंत्री सलाहकार अवनीश अवस्थी ने भी अपने विचार रखे। इसके बाद स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य शिक्षा, नर्सिंग, पैरामेडिकल व फार्मा से जुड़े हुए स्टेकहोल्डर्स व विभाग के अधिकारियों के विचार मंथन के कई सत्रों का आयोजन किया गया।

40 मेडिकल कॉलेज थे अब योगी सरकार में हुए  81 

विकसित यूपी- 2047 मिशन के तहत आयोजित स्वास्थ्य व स्वास्थ्य शिक्षा के लिए आयोजित स्टेकहोल्डर्स कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने संबोधित करते हुए कहा कि विकसित यूपी- 2047 का लक्ष्य प्राप्त करने में स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है। हमारा लक्ष्य प्रदेश के 25 करोंड़ लोगों तक उनके घर के पास स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश जो एक बीमारू राज्य था आज प्रदेश में सर्वाधिक एक्सप्रेस वे, निर्बाध बिजली आपूर्ति और इंफ्रास्ट्रकचर के निर्माण से यूपी में निवेश को बढ़ावा दिया है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी जहां प्रदेश में पहले केवल 40 मेडिकल कॉलेज ही थे, उनकी संख्या बढ़कर 81 हो चुकी है। साथ ही प्रत्येक पांच हजार की आबादी पर आरोग्य मंदिरों का संचालन हो रहा है, जहां पैथोलॉजी जॉच से लेकर, प्राथमिक स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं।

सरकार का 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा

 स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में भी पहले की 5000 एमबीबीएस सीटों की तुलना में वर्तमान में 12,000 से अधिक सीटें हो चुकी हैं, वहीं एमएस और एमडी की सीटें भी लगभग दोगुनी बढ़ी हैं। इसके अलावा मिशन निरामया का सफल संचालन किया जा रहा है एवं संजीवनी एप के माध्यम से प्रदेश की चिकित्सकीय सुविधा की उपलब्धता पर लाइव नज़र रखी जाती है। लेकिन अभी हमें स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित देशों के समकक्ष बनाने के लिए कई और प्रयास करने हैं। जिसके लिए प्रदेश सरकार हर संभव सहयोग करेगी, साथ ही आने वाले दिनों में विकसित यूपी- 2047 को सफल बनाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।

योगी सरकार ने बनाया 6 ट्रिलियन डालर का लक्ष्य

कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए मुख्यमंत्री सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि आजादी के सौवें वर्ष में विकसित भारत का जो लक्ष्य प्रधानमंत्री ने रखा है उसे प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश सरकार ने 6 ट्रिलियन डालर का योगदान देने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षा और स्वास्थ्य आधारभूत स्तंभ हैं। डब्लूएचओ के मानकों के अनुरूप प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ इसमें गुणात्मक सुधार की ओर भी ध्यान देना होगा। हमें प्राइमरी, सेंकेडरी, टर्शियरी के साथ पैरामेडिकल और नर्सिंग सुविधाओं का भी विस्तार करना होगा। इस अवसर पर बोलते हुए अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य व स्वास्थ्य शिक्षा, अमित कुमार घोष ने विकसित भारत, विकसित यूपी- 2047 का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए इकोनामी के साथ सभी क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया, साथ ही एडीजी 30 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में स्वास्थ्य सेवाओं को मानक अनुरूप विकासित करने की प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की साथ ही इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सभी के सहयोग की अपेक्षा की। इस अवसर पर राज्य मंत्री मंयकेश्वर सरन सिंह ने भी सत्र को संबोधित किया और स्वास्थ्य सुविधाओं को छोटे शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने पर जोर दिया।

क्या है योगी सरकार का विकसित यूपी- 2047 मिशन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकसित यूपी- 2047 के मिशन को प्राप्त करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य शिक्षा की आयोजित कॉफ्रेंस में प्रदेश में स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शिक्षा, नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मा संबंधित विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें विषय से संबंधित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने विचार मंथन के प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान का रोडमैप प्रस्तुत किया। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण व एआई के प्रयोग पर भी जोर दिया। विशेषज्ञों ने प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को डब्लूएचओ के मानकों के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से न केवल इंफ्रास्टक्रचर विकास बल्कि चिकित्सकों के साथ अन्य मेडिकल स्टाफ को भी अधिक विषय विशेषज्ञ बनने पर जोर दिया। कोविड जैसे महामारियों का समाना करने के लिए मेडिकल रिसर्च को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

योगी सरकार का बड़ा एक्शन: प्रदेशभर में अवैध कोडीन सिरप और नॉरकोटिक दवाओं पर सख्त अभियान
UP बना स्टार्टअप हब: योगी सरकार में इनक्यूबेशन नेटवर्क का बड़ा विस्तार