UP में एम्बुलेंस सेवाओं का बड़ा विस्तार, योगी सरकार ने बदली आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था

Published : Nov 18, 2025, 08:28 PM IST
yogi government ambulance scheme

सार

योगी सरकार ने यूपी में 108 व 102 एम्बुलेंस सेवाओं का बड़ा विस्तार किया, GPS ट्रैकिंग और ALS एम्बुलेंस जोड़कर प्रतिक्रिया समय कम किया। अब तक 13.26 करोड़ से अधिक लोगों को समय पर इलाज मिला। स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत बनाने की दिशा में यह बड़ी उपलब्धि है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का बड़ा विस्तार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में 108 इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा और 102 मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एम्बुलेंस सेवा की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। इन सेवाओं की पहुँच अब शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों, बुंदेलखंड और पूर्वांचल के दूरस्थ व पिछड़े क्षेत्रों तक भी सुनिश्चित की गई है। एम्बुलेंस सेवाओं में एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट (ALS) वाहनों को शामिल करने से सेवा की गुणवत्ता और दक्षता में भी बड़ा सुधार हुआ है। जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम अपनाने से रिस्पांस टाइम में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। सरकार के कार्यकाल में अब तक 13.26 करोड़ से अधिक मरीज इन सेवाओं का लाभ उठा चुके हैं, जिसकी सराहना विश्व बैंक ने अपनी 2018–19 की रिपोर्ट में भी की है।

स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने पर सीएम योगी का विशेष फोकस

सीएम योगी ने वर्ष 2017 से ही राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक और सुलभ बनाने का लक्ष्य रखा। इसी उद्देश्य से 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं का विस्तार ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक किया गया। बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों में, जहां पहले पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थीं, वहां विशेष ध्यान दिया गया। उनके कार्यकाल में अब तक लगभग 2249 नई एम्बुलेंस सेवाओं की शुरुआत की गई है। इसके साथ 250 से अधिक ALS एम्बुलेंसें भी संचालित की जा रही हैं, जिनमें वेंटिलेटर, डिफिब्रिलेटर और आधुनिक लाइफ सेविंग उपकरण लगे हैं। ये एम्बुलेंसें मौके पर ही गंभीर मरीजों को जीवन रक्षक सहायता प्रदान करती हैं।

‘टाइम इज़ लाइफ’ सिद्धांत पर आधारित त्वरित एम्बुलेंस सेवा

आपात स्थितियों में सेकंड महत्वपूर्ण होते हैं। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सभी एम्बुलेंसों को जीपीएस ट्रैकिंग और आधुनिक संचार उपकरणों से लैस किया गया है। इससे न केवल प्रतिक्रिया समय तेज हुआ है, बल्कि जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन मार्गदर्शन लेकर मौके पर ही इलाज संभव हो गया है। इसका परिणाम राज्य में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में आई कमी के रूप में देखा जा रहा है। कॉल सेंटर ऑपरेटर अब GIS मैपिंग के जरिए नजदीकी एम्बुलेंस को ट्रैफिक व सड़क परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भेजते हैं। वर्ष 2014–15 में जहां 108 एम्बुलेंस सेवा की प्रतिक्रिया समय 28.12 मिनट था, वह अब घटकर केवल 7.25 मिनट रह गया है। इसी तरह 102 सेवा का रिस्पांस टाइम 19.10 मिनट से घटकर 6.58 मिनट तक आ गया है।

एम्बुलेंस सेवा के प्रभाव से स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ी सफलता

वर्ष 2017 से अब तक 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं ने मिलकर 13.26 करोड़ से अधिक लोगों को समय पर चिकित्सा सेवा पहुंचाई है। 108 सेवा से 3.57 करोड़ से अधिक मरीजों को आपातकाल में सहायता मिली, जबकि 102 सेवा ने लगभग 9.62 करोड़ गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव सुविधा उपलब्ध कराई। ALS एम्बुलेंसों ने अब तक 7.14 लाख से अधिक गंभीर मरीजों को उच्च स्तरीय देखभाल प्रदान की है। जहां कुछ सेकंड की देरी भी जानलेवा हो सकती थी, वहां इन वाहनों ने बड़ी भूमिका निभाई है।

भविष्य में ड्रोन एम्बुलेंस और एआई आधारित तकनीक को जोड़कर इन सेवाओं को और आधुनिक बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है। योगी सरकार के इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से अग्रणी राज्यों में शामिल हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि एम्बुलेंस सेवा के मजबूत नेटवर्क से न सिर्फ मृत्यु दर घटी है, बल्कि स्वास्थ्य ढांचे को भी मजबूती मिली है।

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