
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार उत्तर प्रदेश में युवा उद्यमियों और स्वरोजगार को लगातार प्रोत्साहन मिल रहा है। इसी दिशा में बाराबंकी जिले के उद्यमी निमित सिंह द्वारा चलाया जा रहा स्टार्ट-अप ‘मधुमक्खीवाला’ राज्य के आर्थिक विकास और स्थानीय रोजगार का प्रेरक उदाहरण बन गया है।
शनिवार को न्यूज़ीलैंड की प्राइमरी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के प्रतिनिधि ईशन जयवर्धने और एपीईडीए के रीजनल हेड संदीप साहा ने बाराबंकी स्थित ‘मधुमक्खीवाला’ फार्म का निरीक्षण किया। उन्होंने मधुमक्खी पालन की पद्धति, आधुनिक तकनीक और शहद उत्पादन की प्रक्रिया की खुलकर सराहना की। दल ने उत्पादों की ग्लोबल ब्रांडिंग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक्री बढ़ाने में सहयोग देने का आश्वासन भी दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने बिना गर्मी, बिना मिलावट और बिना रसायन के प्राकृतिक शहद उत्पादन तकनीक को अत्यंत प्रभावशाली बताया। न्यूज़ीलैंड प्रतिनिधि जयवर्धने ने कहा कि यह फार्म तकनीकी रूप से उन्नत होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास का उत्कृष्ट उदाहरण भी है।
निरीक्षण में सरसों, मल्टीफ्लोर, यूकेलिप्टस, अजवाइन, नीम और जामुन जैसे प्राकृतिक स्रोतों से तैयार शहद को अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग देने पर चर्चा हुई। न्यूज़ीलैंड के GI-टैग वाले मनुका हनी की तरह ‘मधुमक्खीवाला’ शहद को भी वैश्विक पहचान दिलाने का आश्वासन दिया गया। इस दौरान उद्यान विभाग के उप निदेशक और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रतिनिधियों ने जिले के अन्य मधुमक्खी पालकों को भी उत्पाद की गुणवत्ता सुधारने और निर्यात संभावनाएं बढ़ाने के सुझाव दिए।
‘मधुमक्खीवाला’ के संस्थापक निमित सिंह ने 2014 में बाराबंकी के राजौली गांव से अपने काम की शुरुआत की। उन्होंने मधुमक्खी पालन को स्थायी आजीविका और सामुदायिक विकास दोनों का माध्यम बनाया है।
निमित सिंह ने बताया कि 2017 के बाद यूपी में स्टार्ट-अप के लिए बेहतर माहौल और सरकार की कई योजनाओं का उन्हें सीधा लाभ मिला। इनमें शामिल हैं-
इन योजनाओं ने उनके स्टार्ट-अप को मजबूती दी और उत्पादों को राष्ट्रीय व वैश्विक पहचान मिली।
निमित सिंह के प्रयासों को पहले भी सम्मान मिल चुका है। उन्हें राजभवन में गवर्नर अवॉर्ड दिया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में उनके स्टार्ट-अप का उल्लेख किया
निमित सिंह ने बताया कि भारत-न्यूज़ीलैंड के प्रस्तावित FTA के तहत उनकी फर्म का निरीक्षण के लिए चयन होना पूरे प्रदेश के शहद उत्पादकों के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह कदम शहद के निर्यात, ग्लोबल ब्रांडिंग और अंतरराष्ट्रीय बिक्री को नई दिशा देगा। उन्होंने कहा कि यह पहल भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच कृषि और शहद उत्पादन क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत बनाएगी।
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