गोबर से बदलेगी प्लास्टिक की दुनिया? यूपी सरकार की नई पहल से गांवों को मिलेगा नया जीवन

Published : Aug 01, 2025, 04:38 PM IST
yogi government cow dung bioplastic initiative up

सार

Yogi Adityanath Bioplastic Plan: उत्तर प्रदेश में गोबर से बायोप्लास्टिक, बायोगैस और इको-प्रोडक्ट बनाने की योजना शुरू की गई है। इससे न सिर्फ प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि ग्रामीण युवाओं को रोजगार और गोशालाओं को आत्मनिर्भरता मिलेगी।

Cow Dung Bioplastic: उत्तर प्रदेश में गोवंश अब सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं रहेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार की दिशा में भी क्रांतिकारी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार ने एक ऐसा नवाचार शुरू किया है जो प्लास्टिक प्रदूषण की बड़ी चुनौती से निपटने में मदद करेगा और साथ ही लाखों ग्रामीणों के लिए नया आजीविका स्रोत भी बनेगा।

क्यों हो रही है गोबर से उत्पाद बनाने की शुरुआत?

उत्तर प्रदेश में हर दिन निराश्रित गोवंश से औसतन 54 लाख किलोग्राम गोबर उत्पन्न होता है। अब सरकार इस गोबर का उपयोग बायोप्लास्टिक, जैव-पॉलिमर, इको-पेपर, बायो टेक्सटाइल, बायोगैस, नैनो सेल्यूलोज और जैविक खाद जैसे उत्पादों को बनाने में करेगी।

इससे न केवल प्लास्टिक का पर्यावरणीय विकल्प तैयार होगा, बल्कि जैविक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से पुनः उपयोग भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा योगदान देगा।

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योजना से ग्रामीणों को क्या मिलेगा?

गो-सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता के अनुसार, यह योजना मुख्यमंत्री के ‘हर गांव ऊर्जा केंद्र’ मॉडल पर आधारित है। गोबर से बायोगैस के जरिए ऊर्जा उत्पादन, जैविक खेती और गोशालाओं की आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। खास बात यह है कि यह पहल सिर्फ तकनीकी नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी काम करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों की स्थापना से लाखों युवाओं और महिलाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। इससे गांवों में आर्थिक मजबूती आएगी और पलायन की समस्या में भी कमी आ सकती है।

कैसे काम करेगी यह तकनीक?

इस योजना की तकनीकी सलाहकार दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर (बायोटेक्नोलॉजी) डॉ. शुचि वर्मा हैं। उन्होंने गोबर से बायोप्लास्टिक बनाने की प्रभावी तकनीक विकसित की है। डॉ. अनुराग श्रीवास्तव (ओएसडी, गो सेवा आयोग) ने बताया कि इस पर आधारित शोध भी आयोग में प्रस्तुत किए जा चुके हैं।

पर्यावरण के साथ धर्म और विज्ञान का मेल

योगी सरकार की यह पहल धार्मिक, वैज्ञानिक और व्यावहारिक सोच का समन्वय है। गोवंश संरक्षण मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है, और अब यह संरक्षण प्रदेश को पर्यावरण के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की ओर ले जा सकता है।

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