PM Modi Varanasi visit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को वाराणसी दौरे पर पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी करेंगे। 9.70 करोड़ किसानों को 20,500 करोड़ रुपये ट्रांसफर होंगे, जिससे यूपी के 2.30 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।

PM Kisan Yojana 20th Instalment : सावन के पावन महीने में देश के करोड़ों किसानों को राहत भरी खबर मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” (PM-Kisan Yojana) की 20वीं किस्त देश के किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर करेंगे। यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक सहायता का प्रतीक है, बल्कि किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

कितने किसानों को मिलेगा लाभ?

प्रधानमंत्री मोदी इस बार 9.70 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 20,500 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के 2.30 करोड़ किसानों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें लगभग 4600 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी।

विशेष बात यह है कि केवल वाराणसी जिले के 2.21 लाख किसानों को इस बार 48 करोड़ रुपये की धनराशि सीधे उनके खातों में भेजी जाएगी। अब तक वाराणसी के किसानों को पिछले 19 किस्तों में 850 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता मिल चुकी है।

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पीएम किसान योजना में कितनी राशि मिलती है?

संयुक्त कृषि निदेशक शैलेंद्र कुमार के अनुसार, पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को वर्ष में कुल 6000 रुपये की सहायता दी जाती है। यह राशि 2000-2000 रुपये की तीन समान किस्तों में सालभर में भेजी जाती है। इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना है ताकि वे कृषि कार्यों में लगे रह सकें।

पीएम का वाराणसी दौरा: क्या है कार्यक्रम?

प्रधानमंत्री मोदी 2 अगस्त की सुबह 10:30 बजे लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। इसके बाद वे सेवापुरी ब्लॉक के बनौली गांव में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। यहीं से वे पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त का शुभारंभ करेंगे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री 2183.45 करोड़ रुपये की 52 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य वरिष्ठ नेता इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

क्यों खास है ये समय और जगह?

यह किस्त रक्षाबंधन से ठीक पहले जारी की जा रही है, जो एक भावनात्मक पहलू भी जोड़ती है। सरकार इसे अन्नदाताओं के लिए "भाई का तोहफा" बता रही है। साथ ही, वाराणसी से इस किस्त का शुभारंभ प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से किसानों को सीधा संदेश देने जैसा है, कि सरकार उनके साथ खड़ी है।

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