योगी सरकार ने MSP पर धान-बाजरा खरीद में बनाया रिकॉर्ड, किसानों को मिला 2131 करोड़ का भुगतान

Published : Nov 29, 2025, 05:29 PM IST
Yogi Government farmers support record MSP paddy millet procurement

सार

योगी सरकार किसानों को आर्थिक मजबूती देने के लिए धान और बाजरा खरीद का भुगतान 48 घंटे में कर रही है। 1 अक्टूबर से 28 नवंबर तक धान किसानों को 1868.35 करोड़ और बाजरा किसानों को 263.03 करोड़ रुपये मिले। खरीद प्रक्रिया पारदर्शी और बिचौलियों से मुक्त है।

लखनऊ। योगी सरकार किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर धान और बाजरा किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है। पहली अक्टूबर से 28 नवंबर तक धान किसानों को 1868.35 करोड़ रुपये और बाजरा किसानों को 263.03 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। पारदर्शी नीतियों के कारण किसान अपनी फसल को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच रहे हैं, जहां 17% नमी तक का धान स्वीकार किया जाता है।

धान किसानों को 1868.35 करोड़ का भुगतान जारी

सरकार धान खरीद की लगातार समीक्षा कर रही है ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए। खाद्य एवं रसद विभाग भी इसकी सख्त निगरानी कर रहा है। 1 अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच 1.40 लाख से अधिक किसानों ने अपनी धान फसल सरकारी केंद्रों पर बेची है। सरकार अब तक 1868.35 करोड़ रुपये किसानों को दे चुकी है और बाकी किसानों का भुगतान भी तेजी से किया जा रहा है।

बाजरा किसानों को 263.03 करोड़ रुपये मिले

उत्तर प्रदेश में श्री अन्न (मिलेट्स) की खरीद 1 अक्टूबर से चल रही है। बाजरा किसानों ने भी बड़ी संख्या में सरकारी केंद्रों पर अपनी फसल बेची है। 28 नवंबर तक 22,000 किसानों को 263.03 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। 64,000 से अधिक किसानों ने बाजरा बिक्री के लिए पंजीकरण कराया है और बाकियों के भुगतान की प्रक्रिया तेज की जा रही है।

बाजरा और धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

बाजरा का एमएसपी 2775 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है। इसकी खरीद 33 जनपदों में 281 सरकारी केंद्रों पर हो रही है। धान खरीद (कॉमन) 2369 रुपये प्रति कुंतल और (ग्रेड-ए) 2389 रुपये प्रति कुंतल पर की जा रही है।

बिचौलियों की भूमिका खत्म, खरीद प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी

सीएम योगी ने हाल में बैठक कर निर्देश दिया था कि अधिक से अधिक किसान अपनी फसल सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचें ताकि उन्हें पूरा एमएसपी मिल सके। सरकार की पारदर्शी खरीद प्रणाली अब जमीन पर दिख रही है-

  • ई-पॉप मशीन से बायोमीट्रिक सत्यापन
  • केवल पंजीकृत किसानों से खरीद
  • बिचौलियों की भूमिका समाप्त
  • 48 घंटे के भीतर भुगतान

इस पारदर्शी व्यवस्था से रिकॉर्ड स्तर की धान खरीद हो रही है। राइस मिलों को सुविधा मिली है और किसानों की आय, भरोसा और आत्मनिर्भरता मजबूत हुई है।

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