प्रयागराज और नैमिषारण्य को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों की तरह विकसित करने लिए योगी सरकार ने तैयार किया मास्टर प्लान

यूपी की योगी सरकार ने प्रयागराज और नैमिषारण्य को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों के तौर पर विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है। इसको लेकर एमओयू भी साइन किया गया है।

लखनऊ: योगी सरकार के द्वारा मथुरा, काशी और अयोध्या के अतिरिक्त नैमिषारण्य और प्रयागराज को भी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के तौर पर विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से जारी स्वदेश दर्शन योजना ।। के तहत इन दोनों ही जगहों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए चुना गया है। आपको बता दें कि सरकार के द्वारा 2025 के महाकुंभ से पहले प्रयागराज में पर्यटन को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है और इसी के साथ कई अन्य पहल करने की भी योजना है। वहीं नैमिषारण्य धाम के कायाकल्प को लेकर कई योजनाओं को लागू किया जाएगा। इसको लेकर एक एमओयू भी साइन किया गया है। यह एमओयू त्रिपक्षीय है।

टीम विकास को लेकर तैयार करेगी डीपीआर

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गौरतलब है कि योगी सरकार यूपी की अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत बनाना चाहती है। इस योजना में पर्यटन की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार यूपी को एक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए अपनी पूरी क्षमताओं का उपयोग कर रही है। पीपीपी मोड पर चयनित पर्यटन स्थलों के एकीकृत विकास को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है। जिसके बाद सभी मंदिरों और महत्वपूर्ण पौराणिक जगहों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। प्रयागराज और नैमिषारण्य के विकास को लेकर टीम का चुनाव भी किया जा रहा है। विशेषज्ञों की ओर से चयनित टीम के बाद तमाम स्थलों के विकास को लेकर डीपीआर तैयार किया जाएगा।

पर्यटकों की सुविधाओं का रखा जाएगा ध्यान

सरकार प्रयागराज को धार्मिक पर्यटन के तौर पर पहचान दिलाने के लिए काम कर रही है। इसके तहत योगी सरकार 87 परियोजनाओं में 2500 करोड़ रुपए का निवेश भी करेगी। वहीं पक्के घाटों और पुलों का निर्माण भी करवाया जाएगा। बताया जा रहा है कि तमाम कामों को कुंभ से पहले पूरा करने की तैयारी की जा रही है। वहीं नैमिषारण्य के पौराणिक महत्व को देखते हुए सरकार पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र का कायाकल्प करेगी। सरकार की ओर से 'श्री नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद' का गठन भी किया गया है जिसके तहत हरदोई और सीतापुर जिले के 36 गांव शामिल किए गए हैं। नैमिषारण्य और मिश्रिख-नीमसर के एकीकृत विकास को लेकर धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों का चयन किया गया है। यहां पर्यटकों और विदेशी श्रद्धालुओं को ध्यान में रखकर तमाम सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।

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