योगी सरकार ने UP में बदली ग्रामीण-औद्योगिक तस्वीर: निवेश, MSP और रोजगार ने बनाया नया विकास मॉडल

Published : Dec 03, 2025, 09:25 AM IST
Yogi Government policies UP rural industrial growth

सार

योगी सरकार ने धान खरीद, MSP भुगतान, एसएचजी आय वृद्धि और औद्योगिक निवेश के जरिए ग्रामीण व औद्योगिक अर्थव्यवस्था को नई गति दी है। खरीद केंद्र बढ़े, किसानों को समय पर भुगतान हुआ, उद्योगों के विस्तार से रोजगार बढ़ा और यूपी में संतुलित विकास मॉडल उभरा।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण और औद्योगिक दोनों क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सुधार लागू किए हैं। धान खरीद, एमएसपी पर समयबद्ध भुगतान और समूह आधारित उद्यमिता से जहां गांवों में नकदी प्रवाह बढ़ा है, वहीं औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक केंद्र और विनिर्माण क्लस्टर ग्रामीण-नगरीय सीमावर्ती क्षेत्रों में नए गैर-कृषि रोजगार पैदा कर रहे हैं। इन प्रयासों से राज्य में एक एकीकृत कृषि- औद्योगिक अर्थव्यवस्था विकसित हो रही है, जो अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रही है।

धान खरीद अभियान से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी

इस वर्ष योगी सरकार ने धान खरीद व्यवस्था को और व्यापक बनाया है। किसानों की सुविधा के लिए खरीद केंद्रों की संख्या 4,227 से बढ़ाकर 5,000 करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे दूरदराज के गांवों तक सरकारी खरीद की पहुंच मजबूत हुई है। अब तक 1.51 लाख से अधिक किसानों से 9.02 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है।

  • सामान्य धान एमएसपी: ₹2,369 प्रति क्विंटल
  • ग्रेड A धान एमएसपी: ₹2,389 प्रति क्विंटल

यह मूल्य पिछले वर्ष की तुलना में ₹69 अधिक है, जिससे किसानों की स्थिर आय और मजबूत हुई है।

किसानों के बैंक खातों में समय पर भुगतान से बढ़ा नकदी प्रवाह

राज्य सरकार अब तक किसानों के बैंक खातों में ₹1,984 करोड़ से अधिक की राशि सीधे भेज चुकी है। समय पर भुगतान ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह बढ़ाकर स्थानीय बाजारों में 8–12% तक आर्थिक सक्रियता बढ़ाई है। स्वयं सहायता समूह भी ग्रामीण आय में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

  • बीसी सखी, कृषि सखी आदि मॉडलों से लाखों महिलाओं को रोजगार मिला
  • एसएचजी की वार्षिक आय 2017 में ₹4,000 करोड़ से बढ़कर 2025 में ₹18,000 करोड़ से अधिक हो गई। इससे स्थानीय रोजगार बढ़ा और ग्रामीण युवाओं का पलायन कम हुआ।

ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश का विस्तार

औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 ने गैर-शहरी क्षेत्रों में उद्योग स्थापना के नए अवसर खोले हैं। बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों में स्थायी पूंजी निवेश पर 25% पूंजीगत सब्सिडी (अधिकतम ₹45 करोड़) दी जा रही है। इस नीति से औद्योगिक पार्कों और लॉजिस्टिक केंद्रों के विकास को गति मिली है। अनुमान है कि औद्योगिक विस्तार से ग्रामीण क्षेत्रों में 22–27% तक गैर-कृषि रोजगार बढ़ सकता है। खाद्य प्रसंस्करण और कृषि मूल्य श्रृंखला आधारित इकाइयों को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे निवेशकों की ग्रामीण जिलों में रुचि लगातार बढ़ रही है।

विनिर्माण क्षेत्र में तेज प्रगति

उत्तर प्रदेश के विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। आगरा में विकसित हो रहे एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर से40,000 से अधिक रोजगार और लगभग ₹3,400 करोड़ निवेश की संभावना है। वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है और राज्य में रोजगार दर में 5.92% वृद्धि दर्ज की गई है।

ये सभी तथ्य दिखाते हैं कि धान खरीद से लेकर औद्योगिक निवेश तक, योगी सरकार की नीतियों ने ग्रामीण और औद्योगिक अर्थव्यवस्था को संतुलित व तेज गति दी है, जिससे उत्तर प्रदेश में विकास का एक मजबूत मॉडल तैयार हुआ है।

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