
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और स्पष्ट नीति निर्देशन का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश ने सौर ऊर्जा के तीन लाख इंस्टॉलेशन (3,00,654) का लक्ष्य सफलतापूर्वक पार कर लिया है। यह उपलब्धि राज्य को देश के अग्रणी सौर ऊर्जा राज्यों में शामिल करती है। इस क्षेत्र में केवल गुजरात और महाराष्ट्र ही यूपी से आगे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में अब तक 9,83,915 आवेदनों में से 3,00,654 सोलर इंस्टॉलेशन पूरे किए जा चुके हैं। इससे राज्य में सौर ऊर्जा की कुल इंस्टॉल क्षमता 1038.27 मेगावॉट तक पहुंच गई है, जिसके कारण लाखों परिवारों को स्वच्छ और किफायती बिजली मिल रही है।
राज्य सरकार अब तक 2074.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी कर चुकी है। इससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ काफी कम हुआ है और सौर ऊर्जा अपनाने में तेजी आई है।
पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा को अपनी शीर्ष प्राथमिकता में रखा है।
इन कदमों ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में विश्वास और सरलता का नया माहौल तैयार किया है।
ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी की 1038.27 मेगावॉट की मौजूदा सौर क्षमता न केवल बिजली की बढ़ती मांग को संतुलित कर रही है, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन का रास्ता भी खोल रही है। इसका सीधा लाभ उद्योगों, कृषि क्षेत्र और घरेलू उपभोक्ताओं को मिल रहा है। इससे प्रदेश की आर्थिक रफ्तार और तेज हो रही है।
सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जा रहा है।
यही कारण है कि उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा बाजारों में तेजी से उभर रहा है।
आंकड़े और जमीनी हकीकत दिखाते हैं कि योगी सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में गति और पारदर्शिता दोनों को प्राथमिकता दी है। तीन लाख इंस्टॉलेशन का लक्ष्य पार करना केवल एक संख्या नहीं, बल्कि उस नए ऊर्जा ढांचे का प्रतीक है जिसकी ओर उत्तर प्रदेश लगातार बढ़ रहा है। यूपी ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण- तीनों क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है, जो आने वाले समय में देश के नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर को नई दिशा देगी।
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