योगी सरकार का जल संरक्षण मॉडल: यूपी में जलाशय पुनरुद्धार, नदी पुनर्जीवन और हर घर जल की बड़ी सफलता

Published : Nov 21, 2025, 06:48 PM IST
Yogi government water conservation model

सार

योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी जल संरक्षण का राष्ट्रीय मॉडल बन गया है। 52,000 से अधिक जलाशयों का पुनरुद्धार, नदी पुनर्जीवन, भूजल वृद्धि और हर घर जल योजना से बुंदेलखंड-विंध्य में पानी पहुंचा। राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में यूपी को कई सम्मान मिले।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उत्तर प्रदेश जल संरक्षण के क्षेत्र में देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन गया है। यूपी में जल संरक्षण और संचयन के लिए ‘अमृत मिशन’ के तहत बड़े पैमाने पर काम हुआ है। स्वच्छता के साथ 75 जिलों में जलाशयों के पुनरुद्धार और वर्षा जल संचयन की योजनाएं तेज गति से लागू की गईं। 52,000 से अधिक जलाशयों, तालाबों और टंकी प्रणालियों का संरक्षण कर ग्रामीण जलस्तर में बड़ा सुधार दर्ज किया गया। बुंदेलखंड और विंध्य के घर-घर तक पानी पहुंचाने में भी यूपी ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही ‘जल संवर्धन जन आंदोलन’ चलाकर समाज में जागरूकता बढ़ाई जा रही है।

75 जिलों में जलाशयों का पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण पूरा

अमृत मिशन के तहत प्रदेश के 75 जिलों में जलाशयों का पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य पूरा किया गया। अमृत मिशन 2.0 में शहरी क्षेत्रों के लिए जल सुरक्षा हेतु बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। राज्य में 52,000 से अधिक तालाबों और जलाशयों का पुनरुद्धार किया गया, जिससे ग्रामीण जलस्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ। 22,000 से अधिक जल संरचनाओं में पानी की उपलब्धता बढ़ी है। नहर व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 95 नई परियोजनाएं स्वीकृत की गईं। इनके पूरा होने पर 36 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता बहाल होगी और लगभग 9 लाख किसान सीधे लाभान्वित होंगे।

साथ ही 273 हेक्टेयर सरकारी भूमि को भी संरक्षित किया गया। जलस्तर की निगरानी के लिए सेंसर आधारित जलमापन यंत्र लगाए गए। भूजल पुनर्भरण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग और चेकडैम जैसी 42 हजार से अधिक संरचनाएं तैयार की गईं। इससे भूजल पुनर्भरण में 20% से अधिक वृद्धि मिली।

विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाए गए जागरूकता कार्यक्रमों के तहत 1.20 लाख से अधिक विद्यालय और 50 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र जल संरक्षण अभियान से जुड़े, जिससे समुदाय में जल बचत की आदत विकसित हुई।

मीरजापुर: लोहंदी नदी और बड़े जलाशयों का पुनरुद्धार

मीरजापुर जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन का एक सफल उदाहरण बना है। यहां 12 विकासखंड और 809 ग्राम पंचायतें हैं, जहां पहले जलस्तर गिरने और सूखे की समस्या रहती थी। गर्मियों में हैंडपंप और कुएं सूख जाते थे। 24 फरवरी 2024 से शुरू हुए विशेष अभियान के तहत लोहंदी नदी का पुनरुद्धार किया गया। यह 15 किमी लंबी नदी 11 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरती है। इसके 10.63 किमी हिस्से में मनरेगा के तहत कार्य हुआ और शेष भाग में जनसहभागिता से काम कराया गया।

राजकीय संस्थानों में बड़े रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए गए। एक वर्ष में 3894 हेक्टेयर में स्प्रिंकलर सिंचाई जोड़कर पानी की बचत की गई। पहले सूख चुके हैंडपंप अब चालू हो गए हैं। छह विकासखंडों में भूजल स्तर औसतन 1 मीटर तक बढ़ा। नदी किनारे के गांवों में भूजल स्तर 2.27 मीटर तक बढ़ा, जिससे सूखे कुएं और बोरवेल दोबारा भर गए। इसके अलावा 156 कृषि तालाब और 4 चेकडैम बनने से किसानों को सिंचाई सुविधा मिली और उत्पादन बढ़ा। 4.23 लाख मानव-दिवस रोजगार सृजित हुआ, जिसमें 52% महिलाएं शामिल थीं।

जालौन: नून नदी का पुनर्जीवन और वर्षा जल संचयन

जालौन जिले में भी जल संरक्षण की तस्वीर बदली है। कोच तहसील के ग्राम सतोह से निकलने वाली 83 किमी लंबी नून नदी लंबे समय से सूखी और प्रदूषित थी। स्थानीय लोगों और प्रशासन की सहभागिता से नदी को पुनर्जीवित किया गया। वर्षा जल संचयन के लिए चेकडैम बनाए गए और नदी के दोनों ओर पौधरोपण किया गया। आज नून नदी का पानी सिंचाई के लिए उपयोग हो रहा है और क्षेत्र में जलसंकट कम हुआ है।

बुंदेलखंड और विंध्य में हर घर जल: बड़ी उपलब्धि

‘हर घर जल’ योजना उत्तर प्रदेश में सबसे कारगर योजनाओं में से एक रही। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र, जो कभी पानी के लिए संघर्ष करते थे, आज वहां लगभग हर घर में नल से जल पहुंच रहा है।

बुंदेलखंड में नल से जल की उपलब्धता

  • महोबा: 1,39,904 घर (99.83%)
  • झांसी: 2,49,111 घर (99.16%)
  • ललितपुर: 2,05,966 घर (99.51%)
  • चित्रकूट: 1,63,698 घर (99.83%)
  • जालौन: 2,08,170 घर (98.16%)
  • बांदा: 2,68,583 घर (99.86%)
  • हमीरपुर: 1,85,674 घर (99.54%)

विंध्य क्षेत्र

  • मीरजापुर: 3,49,332 घर (98.35%)
  • सोनभद्र: 2,92,905 घर (93.34%)

राष्ट्रीय पुरस्कारों में यूपी का उत्कृष्ट प्रदर्शन

योगी सरकार की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का परिणाम हाल ही में हुए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में देखने को मिला। जल संरक्षण श्रेणी में उत्तरी क्षेत्र से मीरजापुर, वाराणसी और जालौन ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। गोरखपुर नगर निगम ने भी जल संचय जनभागीदारी श्रेणी में तीसरा पुरस्कार हासिल किया। जल संरक्षण की स्थानीय पहलों को राष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

ODOP 2.0 लॉन्च: योगी सरकार देगी UP के स्थानीय उद्योगों और व्यंजनों को ग्लोबल पहचान
UP में निवेश की रफ्तार तेज: 56000 करोड़ की विदेशी डील्स पर फोकस, CM योगी ने किया रिव्यू