
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने वर्ष 2025 में अपने नीतिगत फैसलों से आबकारी विभाग में बड़े और ऐतिहासिक परिवर्तन किए हैं। यह वर्ष आबकारी विभाग के लिए तकनीकी सुधार, पारदर्शिता, राजस्व वृद्धि और निवेश-रोजगार के लिहाज से मील का पत्थर साबित हुआ है। नई आबकारी नीति ने विभाग की कार्यप्रणाली को आधुनिक, तकनीक-आधारित और पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है।
योगी आदित्यनाथ सरकार की नई आबकारी नीति ने विभाग की छवि को सकारात्मक रूप से बदला है। वर्ष 2025 में शराब की दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया गया, जिससे लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और ऑनलाइन हो गई।
शराब की दुकानों से जुड़े थोक और बॉण्ड अनुज्ञापनों का निर्गमन, मदिरा की बोतलों पर लगने वाले लेबल का अनुमोदन, एमआरपी निर्धारण और अल्कोहल निर्यात के परमिट जैसी सभी प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन कर दी गई हैं।
नई नीति के तहत उत्पादन, परिवहन और बिक्री के हर स्तर पर सख्त निगरानी व्यवस्था लागू की गई है। शीरा के उत्पादन, उठान और वितरण की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया गया है। आसवनियों और अन्य इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
मदिरा और स्पिरिट ले जाने वाले टैंकरों में डिजिटल लॉक लगाए गए हैं और केवल जीपीएस युक्त वाहनों से ही परिवहन की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही आसवनियों में डिजिटल अल्कोहलोमीटर, मास फ्लो मीटर, रडार आधारित लेवल सेंसर और बॉटलिंग काउंटर लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने अवैध शराब और इससे जुड़े अपराधियों के खिलाफ इस वर्ष सख्त और प्रभावी कार्रवाई की है। वर्ष 2025 में प्रदेशभर में अवैध शराब के निर्माण और तस्करी से जुड़े 79,990 अभियोग दर्ज किए गए। इस दौरान 20.86 लाख लीटर अवैध मदिरा और मादक द्रव्य बरामद किए गए। अवैध कारोबार में शामिल 15,085 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 2,755 को जेल भेजा गया।
अवैध मदिरा से जुड़ी सूचना के लिए लखनऊ स्थित कंट्रोल एवं कमांड सेंटर का टोल फ्री नंबर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466019 सक्रिय है। साथ ही मदिरा की वैधता जांच के लिए UP Excise Citizen App विकसित किया गया है।
नई आबकारी नीति का सीधा असर राजस्व प्राप्ति पर दिखाई दे रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में नवंबर तक प्रदेश को कुल 35,144.11 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2024-25 की समान अवधि में प्राप्त 30,402.34 करोड़ रुपये की तुलना में 15.59 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि में सरकार को 4,741.77 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिला है, जो नीति की सफलता को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025 तक 182 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन हुआ, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। योगी सरकार के संरचनात्मक सुधार, तकनीकी अनुकूलता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के कारण शराब, बीयर, वाइन और अल्कोहल आधारित उद्योगों में तेजी आई है। प्रदेश के भीतर 105.25 करोड़ लीटर और प्रदेश से बाहर 40.96 करोड़ लीटर एथेनॉल की बिक्री ने उत्तर प्रदेश को एथेनॉल सप्लाई का भरोसेमंद केंद्र बना दिया है।
इन्वेस्ट यूपी के अंतर्गत अब तक 140 एमओयू साइन किए गए हैं, जिनके तहत 35,378 करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा 56 रेडी-टू-लॉन्च प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन आवंटित की जा चुकी है, जिनमें 11,667 करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया जारी है। वर्तमान में 35 परियोजनाएं संचालित हैं, जिनमें 4,045 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है। इन परियोजनाओं के माध्यम से 5,000 से अधिक रोजगार का सृजन हुआ है।
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