
उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज शनिवार को नया विवाद उभर आया, जब ‘आई लव मोहम्मद’ नारे को लेकर बरेली में मचे बवाल के बीच समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क के नेतृत्व में जा रहे प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। बर्क ने इस कदम को “अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण” बताया और सरकार पर विपक्ष की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया।
सांसद बर्क ने कहा, “जब बरेली प्रशासन और सरकार यह कह रही है कि सब कुछ सामान्य है, तो फिर हमें वहां जाने से क्यों रोका जा रहा है? हमारा उद्देश्य केवल पीड़ित परिवारों से मिलकर सच्चाई जानना और उन्हें न्याय दिलाने में सहयोग करना था, न कि किसी तरह का विवाद खड़ा करना।”
वह सांसद इक़रा हसन, मोहिबुल्लाह नदवी और स्वयं जिया उर रहमान बर्क के साथ वरिष्ठ नेता हरेंद्र सिंह मलिक के आवास से बरेली के लिए निकले थे। यह दौरा विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे के निर्देश पर किया जा रहा था। लेकिन रास्ते में भारी पुलिस तैनाती कर पूरी टीम को रोक दिया गया।
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सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “सरकार बीजेपी के इशारे पर विपक्षी नेताओं को जनता से मिलने नहीं दे रही। लोकतंत्र में विपक्ष को भी वही अधिकार है जो सत्ताधारी दल को होता है। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।” उन्होंने आरोप लगाया कि जो प्रतिनिधिमंडल सच्चाई सामने लाने, पीड़ितों की बात सुनने और न्याय की मांग करने निकला था, उसे ‘शांति भंग’ के नाम पर रोक दिया गया।
सपा विधायक आताउर रहमान ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल ज़मीनी हकीकत जानना था ताकि उन लोगों की मदद की जा सके जिनके साथ पुलिस कार्रवाई में अन्याय हुआ है।
हाल ही में बरेली में दर्जनों युवाओं को ‘आई लव मोहम्मद’ नारा लगाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। प्रशासन का कहना है कि स्थिति सामान्य है और कार्रवाई शांति बनाए रखने के लिए की गई। वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार साम्प्रदायिक भेदभाव कर रही है और निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।फिलहाल सपाई प्रतिनिधिमंडल की एंट्री पर रोक के साथ यह मामला और गरमाता जा रहा है, जबकि प्रशासन स्थिति को “पूरी तरह नियंत्रण में” बता रहा है।
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