पिथौरागढ़ | उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में शनिवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर भूस्खलन से रास्ता जाम हो गया और कई गाड़ियां फस गई। इस भूस्खलन के कारण पचास मीटर हाईवे पूरी तरह से ध्वस्त हो गया और दर्जनों वाहन हाईवे पर फंस गए। वहीं, तवाघाट से लेकर व्यास, दारमा और चौदास घाटी के 60 से अधिक गांव भी अब अलग-थलग पड़ चुके हैं।
हाईवे पर वर्तमान में बलुवाकोट से तवाघाट तक चौड़ीकरण और सुधारीकरण का कार्य चल रहा है, जिसके तहत हिलवेज कंपनी द्वारा बारूदी विस्फोट किए जा रहे थे। शनिवार सुबह जब विस्फोट किया गया, तो इसके बाद पहाड़ में हलचल हुई और मलबा गिरने लगा। देखते ही देखते, पहाड़ का एक हिस्सा दरकने लगा, जिससे तेज आवाज के साथ विशाल बोल्डर काली नदी में गिर गए। इस घटना से धूल का गुबार छा गया और हाईवे का 50 मीटर से अधिक हिस्सा ध्वस्त हो गया।
तवाघाट से लिपुलेख और धौली नदी किनारे तल्ला और मल्ला दारमा, चौदास घाटी के मार्गों पर वाहनों का संचालन जारी था, लेकिन भूस्खलन के बाद सैकड़ों वाहन अब फंसे हुए हैं। इस वक्त व्यास और दारमा घाटी में हिमपात कम होने के कारण अधिकांश परिवार अपने गांवों में ही फंसे हुए हैं। इस स्थिति ने यात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूस्खलन के बाद अधिकारियों को तुरंत राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, "पिथौरागढ़ जिले के तवाघाट-धारचूला नेशनल हाईवे पर हुए भूस्खलन से यातायात प्रभावित हुआ है, लेकिन राहत की बात यह है कि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। मलबे को जल्दी हटाने के लिए त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं।"
वहुं तवाघाट में भूस्खलन की सूचना मिलते ही एसडीएम धारचूला मंजीत सिंह और पुलिस बल मौके पर पहुंच गए हैं। मार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, और प्रशासन इस स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। जिलाधिकारी विनोद गिरि गोस्वामी ने कहा, “विस्फोट से पहाड़ दरकने की सूचना गलत है। पहाड़ में इस तरह की गतिविधियों के लिए अन्य कारण भी हो सकते हैं। फिलहाल किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है और हम मार्ग को जल्दी खोलने के लिए प्रयासरत हैं।”
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