
देहरादून। उत्तराखंड में सोमवार को UCC (Uniform Civil Code) लागू हो गया। अब यहां विवाह का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी हो गया है। 26 साल की अंजलि वर्मा नए कानून के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन कराने वाले पहले लोगों में से एक हैं। उन्होंने मीडिया से अपना अनुभव बताया है।
अंजलि वर्मा ने तत्काल सेवाओं के माध्यम से अपनी शादी के रिजस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था। उन्होंने कहा, "मैंने अपना स्थायी पता, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और अपने पति का विवरण इन सभी दस्तावेजों के साथ जमा किया था। मुझे पोर्टल पर अपलोड किए गए लाइव वीडियो पर गवाही देने के लिए दो गवाहों, माता-पिता या स्थानीय गार्जियन को बुलाना पड़ा।"
अंजली ने कहा, "सोमवार सुबह मुझे संदेश मिला। इसमें बताया गया था कि रजिस्ट्रेशन हो गया है। वह सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकती है या लॉग इन करके आगे की कार्रवाई कर सकती है।
निकेता नेगी रावत भी UCC के तहत विवाह का रजिस्ट्रेशन कराने वाली पहली महिलाओं में से एक हैं। उनकी शादी 2013 में हुई थी। उन्होंने 2017 में उत्तराखंड अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम 2010 के तहत अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराया है। उत्तराखंड में जिसने भी अन्य अधिनियम के तहत अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराया है उसे यूसीसी के तहत अपनी शादी की एक्नॉलेजमेंट पाने के लिए यूसीसी पोर्टल में दस्तावेज जमा करने होंगे।
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निकेता ने कहा, "मैंने जरूरी डॉक्यूमेंट जमा कर अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। मेरी शादी 2013 में हुई थी। इसका रजिस्ट्रेशन 2017 में कराया था। यूसीसी पोर्टल पर मैंने लॉग इन कर अपना विवरण दर्ज किया। मैंने रविवार को सभी दस्तावेज अपलोड किए थे। सोमवार सुबह इसे स्वीकार कर लिया गया।"
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