Uttarakhand UCC को HC में चुनौती, दलील-जीवनसाथी चुनने के अधिकार का हनन करता है ये कानून

Published : Feb 27, 2025, 11:46 AM ISTUpdated : Feb 27, 2025, 11:47 AM IST
Representative image

सार

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून और उसके नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए नैनीताल उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं ने UCC को जनविरोधी, असंवैधानिक और निजता का उल्लंघन बताया है।

देहरादून (ANI): उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून और उसके नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए नैनीताल उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद से, UCC को नैनीताल उच्च न्यायालय में लगातार चुनौती दी जा रही है।

उत्तराखंड महिला मंच की डॉ उमा भट्ट, कमला पंत और समाजवादी लोक मंच के मुनीश कुमार ने UCC कानून और उसके नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट की वकील वृंदा ग्रोवर इस मामले की पैरवी कर रही हैं।

याचिकाकर्ताओं ने UCC को पूरी तरह से जनविरोधी, असंवैधानिक और निजता का उल्लंघन बताया है, उनका तर्क है कि यह कानून महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और समाज में असमानता को बढ़ावा देगा। उन्होंने यह भी कहा है कि इस अधिनियम के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 का उल्लंघन किया गया है। याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि यह कानून युवाओं के अपने जीवनसाथी चुनने के अधिकार का हनन करता है।

इससे पहले, उत्तराखंड सरकार के गृह विभाग ने UCC के कुछ प्रावधानों के बारे में अफवाहों को खारिज कर दिया था, विशेष रूप से यह दावा कि बाहरी लोग अधिवास प्रमाण पत्र के पात्र होंगे, उन्हें "गलत और भ्रामक" बताया था।

गृह विभाग ने कहा, "यह ध्यान में आया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर UCC के कुछ प्रावधानों के बारे में भ्रामक और गलत जानकारी फैला रहे हैं, जैसे कि बाहरी लोगों को उत्तराखंड में UCC के तहत विवाह पंजीकृत करवाने पर राज्य का निवास प्रमाण पत्र (अधिवास) मिल जाएगा। यह एक गलत और भ्रामक तथ्य है।"

उत्तराखंड सरकार ने स्पष्ट किया कि विवाह पंजीकरण का अधिवास प्रमाण पत्र से कोई संबंध नहीं है और UCC में विवाह या अन्य पंजीकरण के आधार पर अधिवास प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। गृह विभाग ने यह भी चेतावनी दी कि UCC के बारे में भ्रामक जानकारी और अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

विभाग ने जनता से केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी पर भरोसा करने और अफवाहें फैलाने से बचने का आग्रह किया। अगर किसी को UCC के किसी भी प्रावधान के बारे में संदेह है या स्पष्टीकरण की आवश्यकता है, तो वे आधिकारिक माध्यमों से उत्तराखंड सरकार के गृह विभाग से संपर्क कर सकते हैं। (ANI)

ये भी पढें-खटीमा में सीएम धामी का धमाका, ₹337 लाख के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास!
 

PREV

उत्तराखंड के तीर्थ-पर्यटन केंद्रों, पहाड़ी इलाकों, मौसम, सरकारी योजनाओं और स्थानीय प्रशासन से जुड़ी ताज़ा खबरें पढ़ें। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और पहाड़ी ज़िलों की रिपोर्ट्स के लिए Uttarakhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय और विस्तृत राज्य कवरेज यहीं।

Recommended Stories

चंपावत में दर्दनाक हादसा! बारात से लौटते वक्त खाई में गिरी गाड़ी, 5 की मौके पर मौत
5 दिसंबर है डेडलाइन, उत्तराखंड में हजारों Waqf Properties का भविष्य अधर में