Drinik Android Malware: इन दिनों Drinik वायरस सबके लिए खतरा बना हुआ है। हाल ही में इसका एक नया वर्जन स्पॉट किया गया। यह SBI समेत 27 भारतीय बैंक्स के कंज्यूमर्स को अपना शिकार बना रहा है। ये लोगों के फोन में घुसकर बैंकिंग और दूसरी डिटेल्स चोरी कर रहा है। जानिए इसके बारे में...
टेक न्यूज. इंडियन मार्केट में हाल ही में Drinik Android का एक नया वर्जन स्पॉट किया गया है। यह वर्जन इसके पुराने वर्जनों से कई गुना ज्यादा खतरनाक है। इसके निशाने पर SBI समेत देश के 27 अलग-अलग बैंकों को यूजर्स शामिल हैं। ये बड़ी ही आसानी से यूजर्स की बैंकिंग डिटेल्स के अलावा उनका पर्सनल डेटा भी चुरा लेता है। बता दें कि ड्रिनिक एक पुराना मैलवेयर है, जो 2016 से चर्चा में है। भारत सरकार ने पहले एंड्रॉइड यूजर्स को इस मैलवेयर के बारे में चेतावनी जारी की थी, जो इनकम टैक्स रिफंड जेनरेट करने के नाम पर यूजर्स की कई सारी जानकारी चुरा रहा था।
ऐसे करता है टारगेट
इस वायरस का लेटेस्ट वर्जन iAssist नाम से APK के साथ आता है। वायरस का नया वेरिएंट यूजर्स को हैकिंग के बाद एक फिशिंग पेज पर लेकर जाता है और वहां से यूजर्स की पर्सनल जानकारी चुरा लेता है। मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह जानकारी दी गई है कि Drinik Android Trojan वायरस के क्रिएटर्स ने इसे फुल एंड्रॉयड बैंकिंग ट्रोजन के रूप में विकसित किया है और इसलिए एंड्रॉयड मोबाइल यूजर्स को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
इस तरह से होती है चोरी
- सबसे पहले तो इस वायरस के चलते यूजर्स का एंड्रॉयड मोबाइल हैक हो जाता है।
- इसके बाद यह मैलवेयर यूजर्स से SMS पढ़ने, रिसीव करने और सेंड करने की परमिशन मांगता है।
- इसके साथ ही यह Call Logs और External Storage को एक्सेस करने की भी परमिशन मांगता है।
- जैसे ही यूजर ने इसको परमिशन दी तो यह गूगल प्ले प्रोटेक्ट को डिसेबल कर देता है।
- इसके बाद यूजर्स की स्क्रीन पर एक फेक डायलॉग बॉक्स खुलता है, जिसमें यूजर्स को 5,7100 रुपए का रिफंड मिलने की बात भी कही जाती है।
- रिफंड बटन पर क्लिक करने पर वहीं फ़िशिंग पेज खुल जाता है जहां से यह वायरस आपकी सारी डिटेल्स चुरा लेता है।
वायरस का शिकार होने से कैसे बचें
- सबसे पहले तो Google Play Store या Apple के ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें। थर्ड पार्टी वेबसाइट या SMS के जरिए कोई भी ऐप डाउनलोड करने से बचें।
- इसके अलावा किसी भी अनजान ऐप को SMS और कॉल लॉग परमिशन देने से बचें।
- खास बात यह है कि Drinik का नया वर्जन एक्सेसिबिलिटी सर्विस पर निर्भर करता है इसलिए यूजर को यह ध्यान में रखना है कि वे इसे अपने एंड्रॉइड फोन पर एक्सेस करने की अनुमति ही न दें।
- अगर आपको बैंकिंग से संबंधित कोई महत्वपूर्ण लिंक, SMS या ईमेल आया है तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसकी दोबारा जांच करें।
2016 से फैला है यह वायरस, पहले चोरी करता था SMS
Drinik Android trojan भारत में 2016 से सर्कुलेट हो रहा है। शुरुआत में इसका इस्तेमाल SMS चुराने के लिए होता था, लेकिन सितंबर 2021 में इसमें बैंकिंग ट्रोजन भी जुड़ गया है। अब यह वायरस 27 बैंकिंग इंस्टीट्यूट के यूजर्स को टार्गेट कर रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस वायरस को बनाने वालों ने इसे फुल एंड्रॉयड बैंकिंग ट्रोजन में विकसित कर दिया है, जिससे अब इसका मुख्य काम लोगों की बैंकिंग डिटेल्स निकालना है।
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