71वें गणतंत्र दिवस पर Google ने बनाया ये खास Doodle,भारत की विविधता और सौहार्द्र को दर्शाया

इंटरनेट की दिग्गज कंपनी गूगल ने रविवार को भारत के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उसकी विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दिखाते हुए रंग बिरंगा डूडल बनाया। डूडल में कई रंग हैं लेकिन नीले रंग को प्रमुखता दी गई है। इसमें मशहूर वाद्य यंत्रों और नृत्यों की तस्वीरों के साथ प्रसिद्ध धरोहरों को दिखाया गया है


नई दिल्ली: इंटरनेट की दिग्गज कंपनी गूगल ने रविवार को भारत के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उसकी विविधता और सांस्कृतिक विरासत को दिखाते हुए रंग बिरंगा डूडल बनाया। डूडल में कई रंग हैं लेकिन नीले रंग को प्रमुखता दी गई है। इसमें मशहूर वाद्य यंत्रों और नृत्यों की तस्वीरों के साथ प्रसिद्ध धरोहरों को दिखाया गया है।

गूगल अपने होमपेज पर खास अवसरों तथा मशहूर हस्तियों के विशेष डूडल बनाता रहता है। गूगल के छह अक्षरों को रंग-बिरंगा दिखाया गया है तथा उसमें भारत के राष्ट्रीय पक्षी तथा दक्षिण भारत की मशहूर नृत्य कला को दर्शाया गया है।

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भारत के जीवन की रंग बिरंगी तस्वीरों को दिखाया गया

जी-ओ-ओ-जी-एल-ई के छह अक्षरों में पहले अक्षर ‘ओ’ को मोर के रूप में दर्शाया गया है जबकि दूसरे ओ को कथकली नृत्यांगना के चेहरे और ‘एल’ अक्षर को पारंपरिक वाद्य यंत्र ‘सितार’ के रूप में दिखाया गया है।

बाकी के तीन अक्षरों में भारत के जीवन की रंग बिरंगी तस्वीरों को दिखाया गया है। इन अक्षरों की पृष्ठभूमि में सबसे ऊपर विश्व धरोहर स्थल हुमायूं के मकबरे को देखा जा सकता है जबकि नीचे की तरफ इंडिया गेट दिखाया गया है और उसके सामने एक ऑटो रिक्शा तथा साइकिल रिक्शा दिखाया गया है।

‘लोगो’ के पीछे पतंग उड़ती दिख रही है जबकि ‘ई’ अक्षर के ऊपर एक महिला नृत्य करते हुए दिख रही है। गूगल इंडिया ने भी विशेष डूडल ट्वीट किया और इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी।

विविधता में एकता का प्रतीक दिखाया गया

सिंगापुर स्थित अतिथि कलाकार मेरू सेठ द्वारा बनाए डूडल ने समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दिखाया गया जिसमें विविध एशियाई महाद्वीप को एकजुट दर्शाया गया है। गूगल ने अपने पेज पर दिए विवरण में कहा कि यह डूडल राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर भारत के जीवजंतुओं से लेकर सांस्कृतिक कलाओं, वस्त्रों और नृत्यों को दिखाता जो विविधता में एकता का प्रतीक है।

इसमें कहा गया है, ‘‘यह 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वराज की घोषणा की वर्षगांठ को भी दर्शाता है। उत्सव दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक में पाए जाने वाली विविधता का सार है, जिसे राष्ट्रीय गौरव को दिखाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ तीन दिन की अवधि तक मनाया जाता है।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)


 

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