
टेक डेस्क। भारत सरकार (Govt of India) और ट्विटर (Twitter) के बीच पैदा हुए विवाद का फायदा देश में विकसित कू ऐप (Koo App) को मिला है। महज 5 दिनों में इसके 9 लाख नए यूजर्स बढ़ गए हैं। Koo को ट्विटर का स्वदेशी वर्जन माना जाता है। बता दें कि देश में नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर को आपत्तिजनक ट्वीट करने वाले सैकड़ों ट्विटर हैंडल पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया था। सरकार का कहना था कि ये खालिस्तानी और पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल हैं, जिनके जरिए सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है और पीएम मोदी के खिलाफ हैशटैग लगा कर कैम्पेन चलाया जा रहा है। इसके बाद ट्विटर ने सैकड़ों अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया था, लेकिन ट्विटर भारत सरकार के निर्देशों को पूरी तरह मानने के लिए तैयार नहीं हुआ। ट्विटर का कहना था कि कंपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है और सरकार जिस आधार पर ट्विटर अकाउंट्स बंद करने का निर्देश दे रही है, वह भारतीय कानूनों के अनुरूप नहीं है।
Koo को मिला बड़ा फायदा
ट्विटर और भारत सरकार के बीच चल रहे इस विवाद का बड़ा फायदा स्वदेशी ऐप Koo को मिल रहा है। ट्विटर के विकल्प के तौर पर उभरे इस ऐप को पिछले 5 दिनों में 9 लाख से नए यूजर्स मिले हैं। इससे मोदी सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना को बल मिल रहा है। Koo ऐप को पिछले साल बनाया गया था। पिछले साल इसे 2.8 करोड़ बार इंस्टॉल किया गया था। वहीं, इस साल 6 फरवरी से 11 फरवरी के बीच सिर्फ 5 दिन में इसे 9 लाख से ज्यादा बार इंस्टॉल किया जा चुका है, जो पहले के मुकाबले करीब 20 गुना ज्यादा है।
Koo के इस्तेमाल की अपील
बता दें कि ट्विटर और सरकार के बीच चल रहे विवाद के बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्वदेशी ऐप Koo का इस्तेमाल करने की अपील लोगों से की थी। उनके अलावा, कुछ दूसरी बड़ी हस्तियों ने भी Koo के समर्थन में ट्वीट किया। Koo ऐप का लोगो एक पीले रंग की चिड़िया है। इसका लोगो ट्विटर के लोगो से मिलता-जुलता है।
क्यों बढ़ा सरकार से ट्विटर का विवाद
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सरकार ने ट्विटर को 1178 अकाउंट बंद करने का निर्देश दिया था। सरकार का कहना था कि ये अकाउंट गलत जानकारी फैला रहे हैं और लोगों को उकसा रहे हैं। ट्विटर ने ऐसे अकाउंट बंद तो कर दिए, लेकिन कुछ समय बाद ही सभी अकाउंट फिर से शुरू कर दिए गए। इसके बाद भाजपा नेता विनीत गोयनका ने सुप्रीम कोर्ट में ट्विटर के खिलाफ याचिका दर्ज कर दी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर और भारत सरकार से जवाब मांगा था। याचिका में भारत विरोधी और देशद्रोही पोस्ट्स की जांच कर ट्विटर के खिलाफ भारत सरकार को जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।