बुधवार को साल 2004 में अपनी स्थापना के बाद से लेकर अब तक Facebook, WhatsApp और Instagram की पैरेंट कंपनी Meta ने सबसे बड़ी छंटनी की है। कंपनी ने 11 हजार कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है। ऐसा करते हुए कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने एक इमोशनल मैसेज भी शेयर किया।
टेक न्यूज. Meta CEO Mark Zuckerberg layed off Meta employees: एलन मस्क की कंपनी Twitter के बाद Facebook की पैरेंट कंपनी Meta Platforms Inc. ने भी छंटनी कर दी है। बुधवार को यह छंटनी करते हुए कंपनी ने एक ही झटके में 11 हजार से अधिक कर्मचारियों को बाहर निकालने पर अपनी मुहर लगा दी है। फिलहाल, मेटा में लगभग 87 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं, वहीं निकाले गए 11 हजार कर्मचारियों में फेसबुक के अलावा WhatsApp और Instagram के कर्मचारी भी हैं। बता दें कि कंपनी ने जिन भी कर्मचारियों को निकाला है, उन्हें 4 महीने की सैलरी दी जाएगी। कंपनी से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस छंटनी की सबसे बड़ी वजह इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की रेवेन्यू में आई गिरावट और निराशाजनक कमाई मानी जा रही है।
मार्क ने अपने ब्लॉग में कही ये बात
इस बारे में जानकारी देते हुए कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने खुद एक ब्लॉग के जरिए बताया, 'आज मैं आपको META के इतिहास में किए गए कुछ सबसे कठिन फैसलों के बारे में बताने जा रहा हूं। हमने अपनी टीम की साइज में करीब 13% की कटौती करने का फैसला किया है। इससे 11 हजार से अधिक प्रतिभाशाली कर्मचारियों की नौकरी जाने वाली है।' इससे पहले मार्क ने मंगलवार को हुई एक मीटिंग में ही एग्जीक्यूटिव्स को इस छंटनी की जानकारी दी थी।
13% कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता
इससे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2004 में अपनी स्थापना के बाद से कंपनी की यह सबसे बड़ी छंटनी मानी गई है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मंगलवार की कंपनी के साथ हुई मीटिंग में जुकरबर्ग बेहद निराश नजर आए थे और उन्होंने इस छंटनी व कंपनी के गलत कदमों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा, 'कंपनी की ग्रोथ के बारे में सोचते हुए हमने जरूर से ज्यादा स्टाफ हायर कर लिया। अब हम बिजनेस और रिक्रूटिंग टीम से सबसे ज्यादा कर्मचारी निकालने जा रहे हैं।'
लॉ एडॉप्टेशन रेट और महंगे R&D के कारण हुआ घाटा
बता दें कि वर्तमान में मेटा WhatsApp, Instagram और Facebook सहित दुनिया के कुछ सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक है। हालांकि, कंपनी मेटावर्स पर अपना खर्च बढ़ा रही है। बता दें कि मेटा पिछले कई महीनों से कमाई के मामले में संघर्ष कर रही है। इस साल मेटा के शेयर 73 प्रतिशत गिरकर 2016 की शुरुआत के बाद से अपने निम्नतम स्तर पर आ गए हैं। चर्चा है कि लॉ एडॉप्टेशन रेट और महंगे R&D के कारण कंपनी को लगातार घाटा हुआ है।
यहां जानिए क्या है मेटावर्स, जिस पर कंपनी कर रही खर्च
मेटावर्स एक वर्चुअल वर्ल्ड है जहां यूजर्स अपने स्वयं के अवतार बना सकते हैं। इस तकनीक से आप वर्चुअल आइडेंटिटी के जरिए डिजिटल वर्ल्ड में एंटर कर सकेंगे। यानी एक पैरेलल वर्ल्ड जहां आपकी अलग पहचान होगी। उस पैरेलल वर्ल्ड में आप घूमने, सामान खरीदने से लेकर, इस दुनिया में ही अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से मिल सकेंगे। भविष्य में इस टेक्नोलॉजी के एडवांस वर्जन से चीजों को छूने और स्मेल करने का अहसास कर पाएंगे।
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