4जी टेंडर से चीनी कंपनियों को निकालने का सवाल? नीति आयोग की सिफारिश पर BSNL ने कहा- घाटा और बढ़ेगा

भारत-चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने चीन के बने सामानों के बहिष्कार का फैसला किया है। इसी के तहत दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल को निर्देश जारी किया था कि वह अपनी 4जी टेक्नोलॉजी में किसी चाइनीज कम्पोनेंट का इस्तेमाल नहीं करे। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2020 8:10 AM IST

टेक डेस्क। भारत-चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने चीन के बने सामानों के बहिष्कार का फैसला किया है। इसी के तहत दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल को निर्देश जारी किया था कि वह अपनी 4जी टेक्नोलॉजी में किसी चाइनीज कम्पोनेंट का इस्तेमाल नहीं करे। यही नहीं, योजना आयोग की जगह बनाए गए नीति आयोग ने भी सरकार को सलाह दी थी कि बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क से चीन समेत सभी विदेशी कंपनियों को बाहर रखा जाना चाहिए। वहीं, नीति आयोग की इस सिफारिश को लेकर बीएसएनएल के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने से कपंनी को काफी नुकसान होगा। केंद्र सरकार ने कंपनी को कर्ज के संकट से उबारने के लिए 70 हजार करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया है। 

क्या कहा नीति आयोग ने
नीति आयोग ने सरकार से अपनी सिफारिश में कहा कि बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क में स्थानीय स्तर पर डिजाइन को डेवलप करना चाहिए और देश में बने प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लेकिन नीति आयोग के इस फैसले से बीएसएनएल का प्रबंधन सहज नहीं है। 

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क्या कहना है बीएसएनएल ने
नीति आयोग की इस सिफारिश पर बीएसएनएल के सूत्रों का कहना है कि नोकिया, एरिक्सन, सैमसंग, जेटीई और हुवेई जैसी कंपनियों को टेंडर की रेस से बाहर रखा जाएगा तो 4जी नेटवर्क को डेवलप करने के लिए जरूरी कई उपकरणों की कीमत 25 फीसदी तक बढ़ जाएगी। बीएसएनएल के अधिकारियों का कहना है कि एक तरफ सरकार कंपनी को बचाए रखने के लिए पैकेज दे रही है, वहीं उसके चीनी और विदेशी कंपनियों को दूर रखने के फैसले से लागत काफी बढ़ जाएगी। 

और क्या हो सकती है दिक्कत
बीएसएनएल के अधिकारियों का कहना है कि 4जी तकनीक के लिए निजी कंपनियों पर विदेशी कंपनियों से खरीद पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में, बीएसएनएल के लिए यह नियम लागू किया जाता है, तो यह एक तरह से उसे टेलिकॉम मार्केट में रेस से बाहर करने जैसा होगा। बीएसएनएल का कहना है कि उसने नई तकनीक को लेकर पूरी चर्चा के बाद टेंडर का फैसला लिया। इसमें किसी तरह का दखल परेशानी बढ़ाने वाला होगा।

कमर्शियल संचालन में पहुंचेगी बाधा
सूत्रों के मुताबिक, नीति आयोग की मीटिंग के दौरान बीएसएनएल के सीएमडी पी.के.पुरवार ने कहा कि टेंडर पब्लिक डोमेन में है और कोई भी बोली लगा सकता है। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल को 40 वॉट के ट्रांसमिशन की जरूरत है, जो रेडी टू यूज हो और जिसे तुरंत लागू किया जा सके। 

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