ChatGPT या Grok के साथ कभी भूलकर भी ना शेयर न करें ये 10 सीक्रेट बातें

Published : Dec 10, 2025, 10:34 AM IST
ChatGPT (Photo for representation)

सार

AI चैटबॉट के साथ निजी जानकारी शेयर करना जोखिम भरा है। इससे डेटा चोरी और धोखाधड़ी हो सकती है। पासवर्ड, वित्तीय और व्यक्तिगत जानकारी जैसी संवेदनशील बातें कभी शेयर न करें क्योंकि ये गोपनीय नहीं होतीं।

ChatGPT, Grok, और Gemini जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन रहे हैं। लोग इनका इस्तेमाल ईमेल लिखने, सवालों के जवाब पाने और यहां तक कि बातचीत करने के लिए भी करते हैं। ये इंसानों की तरह जवाब देते हैं, जिससे ये भरोसेमंद लगते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स सावधान रहने की चेतावनी देते हैं। AI के साथ बहुत ज़्यादा जानकारी शेयर करने से प्राइवेसी लीक, डेटा चोरी और आपकी सीक्रेट जानकारी के गलत इस्तेमाल जैसे गंभीर खतरे हो सकते हैं। ये कोई प्राइवेट बातचीत नहीं है। चैटबॉट के साथ हुई बातें गोपनीय नहीं होतीं। इन्हें कोई भी स्टोर, एनालाइज या लीक कर सकता है। यहां ऐसी 10 बातें बताई गई हैं जिन्हें आपको कभी भी AI चैटबॉट के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।

पासवर्ड

अपने लॉगिन पासवर्ड को कभी भी ChatGPT, Grok, या Gemini जैसे किसी भी चैटबॉट के साथ शेयर न करें। पासवर्ड शेयर करने से आपके बैंकिंग, ईमेल या सोशल मीडिया अकाउंट्स के हैक होने का खतरा बढ़ जाता है। साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स इसकी जगह एक सुरक्षित पासवर्ड मैनेजर इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।

फाइनेंसियल जानकारी

बैंक अकाउंट नंबर, क्रेडिट कार्ड की जानकारी, या आधार और पैन जैसे सरकारी आईडी नंबर कभी भी शेयर न करें। ऐसे डेटा को स्टोर या गलत इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे आप धोखाधड़ी और चोरी का शिकार हो सकते हैं। वित्तीय जानकारी के लिए हमेशा सुरक्षित और आधिकारिक तरीकों का ही इस्तेमाल करें।

संवेदनशील तस्वीरें या दस्तावेज़

आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या अपनी निजी तस्वीरें अपलोड करना असुरक्षित है। डिलीट करने के बाद भी, इनके डिजिटल निशान रह सकते हैं, जिससे आप हैकिंग, चोरी या गलत इस्तेमाल का शिकार हो सकते हैं। ऐसी फाइलों को AI चैट में नहीं, बल्कि किसी सुरक्षित स्टोरेज में रखें।

काम से जुड़ा गोपनीय डेटा

अपनी कंपनी की अंदरूनी रिपोर्ट, रणनीतियाँ या व्यावसायिक राज़ AI सिस्टम में पेस्ट करना खतरनाक है। इन इनपुट का इस्तेमाल कभी-कभी मॉडल को ट्रेनिंग देने के लिए किया जा सकता है, लेकिन लीक होने की संभावना ज़्यादा होती है। काम की गोपनीय जानकारी शेयर करने से कंपनी की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

कानूनी मामले

चैटबॉट किसी वकील का विकल्प नहीं हैं। एग्रीमेंट, विवादों या मुकदमों के बारे में जानकारी शेयर करने के बुरे नतीजे हो सकते हैं। इस मामले में AI की सलाह अक्सर अधूरी या गुमराह करने वाली हो सकती है।

स्वास्थ्य या मेडिकल जानकारी

बीमारी के लक्षणों या इलाज के बारे में चैटबॉट से पूछने पर गलत जानकारी मिल सकती है। डॉक्टर के पर्चे या मेडिकल रिकॉर्ड जैसी निजी स्वास्थ्य जानकारी शेयर करना और उसका लीक होना खतरनाक हो सकता है। मेडिकल सलाह के लिए हमेशा किसी लाइसेंस वाले डॉक्टर से ही संपर्क करें।

निजी जानकारी

अपना पूरा नाम, पता, फ़ोन नंबर या ईमेल जैसी जानकारी देना पहली नज़र में हानिरहित लग सकता है। लेकिन इन सभी को एक साथ मिलाने पर आपकी पहचान उजागर हो सकती है। इससे आप ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग, हैकिंग या डिजिटल गिरफ्तारी का शिकार हो सकते हैं। चैटबॉट आपकी प्राइवेसी की गारंटी नहीं देते, इसलिए इसे निजी रखना ज़रूरी है।

राज़ या कबूलनामे

भले ही आपको लगे कि इन मामलों में चैटबॉट से बात करना सुरक्षित है, लेकिन AI में टाइप की गई कोई भी चीज़ असल में प्राइवेट नहीं होती। निजी राज़ को अप्रत्याशित तरीकों से लॉग या दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। एक करीबी दोस्त या थेरेपिस्ट के विपरीत, AI गोपनीयता की गारंटी नहीं देता है।

आपत्तिजनक बातें

यौन कंटेंट, आपत्तिजनक बातें या गैर-कानूनी विषय को फ्लैग या ब्लॉक किया जा सकता है, लेकिन इसके निशान सिस्टम लॉग में रह सकते हैं। ऐसी गतिविधि से आपका अकाउंट सस्पेंड हो सकता है और संवेदनशील कंटेंट के लीक होने का खतरा भी होता है।

ऐसी कोई भी बात जिसे आप पब्लिक नहीं करना चाहते

गोल्डन रूल यह है कि कोई भी ऐसी बात जो आप ऑनलाइन पोस्ट नहीं करना चाहेंगे, उसे AI के साथ शेयर न करें। मामूली कमेंट्स भी लॉग हो सकते हैं और आपके कंट्रोल से बाहर जाकर फिर से सामने आ सकते हैं। चैटबॉट के साथ बातचीत को हमेशा ऐसा मानें कि यह एक दिन पब्लिक हो सकती है।

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