प्रोपर्टी बेचने के नाम पर हो रहा ऑनलाइन स्कैम, टेक एकस्पर्ट से 1.6 लाख रुपए ठगे, इन 5 तरीकों से करें बचाव

हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां घर तलाश रहे एक टेक एक्स्पर्ट के साथ इन साइबर स्कैमर्स Cyber Scammer) ने लगभग 1.6 लाख रुपए की ठगी की।

Danish Musheer | Published : May 5, 2023 6:20 AM IST / Updated: May 05 2023, 11:52 AM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में एक घर ढूंढना काफी मुश्किल काम है। शहर में अपने लिए आशियाना तलाश करने वाले कई लोगों को आसमान छूते किराए से लेकर कुछ बेतुके मानदंडों तक का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं इस दौरान लोगों को कई घोटालेबाजों से भी सतर्क रहना होता है, जो शहर में घरों की बड़ी डिमांड का फायदा उठा रहे हैं और लोगों के साथ ठगी कर हैं। इसके लिए स्कैमर्स आकर्षक तस्वीरों के साथ फ्लैटों की नकली डिटेल पोस्ट कर रहे हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां घर तलाश रहे एक टेक एक्स्पर्ट के साथ इन साइबर स्कैमर्स Cyber Scammer) ने लगभग 1.6 लाख रुपए की ठगी की।

जानकारी के मुताबिक 25 साल के टेकी कोलकाता के रहने वाले हैं। उनको हाल ही में कडुबीसनहल्ली में एक प्रमुख आईटी फर्म में नौकरी मिली है। वह 1 जून को शहर जाने और नौकरी करने की योजना बना रहे थे। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मेरी प्रेमिका और मैंने बेंगलुरु जाने की योजना बनाई और मैं किराए के घरों के लिए ऑनलाइन देख रहा था। मैंने रियल एस्टेट पोर्टल NoBroker पर मराठाहल्ली (Marathahalli) में एक फ्लैट के बारे में पोस्ट देखी।

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स्कैमर्स ने खुद को बताया भारतीय सेना का अधिकारी

उन्होंने कहा कि फ्लैट का मासिक किराया 25,000 रुपए था और दो महीने का किराया एडवांस देना था। मैंने पोस्ट में दिए नंबर पर कॉल किया। उन्होंने कहा कि कॉल रिसीव करने वाले शख्स ने खुद को फ्लैट मालिक बताया और कहा कि वह भारतीय सेना का अधिकारी है और मुंबई में तैनात है।

मराठाहल्ली हाउस सॉफ्टवेयर इंजीनियर (software engineer) को आदर्श लग रहा था। इसलिए उसने सेना के अधिकारी से रेंट एग्रीमेंट करने के लिए कहा। उसने आगे कहा कि सेना के अधिकारी ने मुझे किसी ऐसे व्यक्ति से जोड़ा, जिसके बारे में उसने दावा किया कि वह अपने बेंगलुरु फ्लैट का मैनेजर है और दोनों ने मुझसे डील को सील करने के लिए 4,000 रुपए जमा करने के लिए कहा। यह पेमेंट मैने उसे GooglePay के माध्यम से पे कर दिया।

इसके बाद उससे उससे कहा गया कि यह सरकार द्वारा दी गई प्रोपर्टी है, इसलिए उसे देखने के लिए मुझे पेड विजिटिंग पास (paid visiting pass) की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए उन्हें रिफंडेबल राशि देनी होगी। टेक एक्स्पर्ट ने बताया कि मैंने उन पर भरोसा किया और कुल मिलाकर 1.6 लाख रुपए की पेमेंट कर दी थी। उन्होंने बताया कि पैसे ट्रांसफर करने के बाद उन्होंने उस नंबर पर कॉल की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।इस बीच जिस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उन्हें मराठाहल्ली फ्लैट का विज्ञापन मिला था। उसे लिस्टिंग को हटा दिया गया है।

ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें?

1-ऐसे में अगर आप भी अपने लिए घर तलाश कर रहे हैं, तो एडवांस पेमेंट करने से पहले एक एग्रीमेंट कर लें

2- अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी ऑनलाइन साझा न करें और नकद भुगतान करने से बचें।

3-संपत्ति पर कम से कम एक बार जरूर विजिट करें और मकान मालिक से आमने-सामने मिलें। उसकी पहचान और आइडेंटिटी की पुष्टि करें।

4-उन अजनबियों से सावधान रहें जो आपको स्कैन या क्लिक करने के लिए क्यूआर कोड या लिंक भेजते हैं। हो सकता है कि वे आपके बैंक खाते या डेटा को हैक करने का प्रयास कर रहे हों।

5- प्रेपर्टी खरीदने के लिए विश्वसनीय प्लैटफ़ॉर्म का उपयोग करें।

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