'BharOS' से बढ़ेगा भरोसा: देश का पहला स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम लांच, यह हैं खूबियां...

'BharOS', एक नया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। 'BharOS' मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर भी Google के Android और Apple के iOS जैसा है जो स्मार्टफोन पर मुख्य इंटरफ़ेस है।

Dheerendra Gopal | Published : Jan 24, 2023 11:26 AM IST / Updated: Jan 24 2023, 05:18 PM IST

'BharOS'indigenous operating system: भारत का अपना स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम मिल गया है। मोबाइल का स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम 'BharOS' का मंगलवार को सफल परीक्षण किया गया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व अश्विनी वैष्णव ने भारतीय ऑपरेटिंग सिस्टम को लांच किया। इस स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को आईआईटी मद्रास के स्टूडेंट्स ने बनाया है। नए भारत की इस नई उपलब्धि पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।

केंद्रीय मंत्रियों ने किया लांच...

'BharOS' के सफल टेस्टिंग के बाद लांचिंग करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट में शामिल सभी लोगों को बधाई। पहली बार जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने आठ साल पहले डिजिटल इंडिया के बारे में बात की थी तो हमारे कुछ दोस्तों ने उनका मजाक उड़ाया था लेकिन आज टेक्नोक्रेट, इनोवेटर्स, उद्योग और नीति निर्माता और शैक्षणिक संस्थान देश के लोगों ने आठ साल बाद उनके दृष्टिकोण को स्वीकार किया है।

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस यात्रा में मुश्किलें आएंगी और दुनिया भर में ऐसे कई लोग हैं जो मुश्किलें लेकर आएंगे और नहीं चाहेंगे कि ऐसी कोई व्यवस्था सफल हो।

क्या है 'BharOS' ऑपरेटिंग सिस्टम?

'BharOS', एक नया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके डेवलपर्स ने दावा किया है कि यह सिस्टम पूरी तरह से गोपनीयता और सुरक्षा पर केंद्रित है। 'BharOS' मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर भी Google के Android और Apple के iOS जैसा है जो स्मार्टफोन पर मुख्य इंटरफ़ेस है। 'BharOS' सरकार और सार्वजनिक प्रणालियों में उपयोग के लिए एक फ्री और ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) विकसित करने के लिए एक भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना है। परियोजना का उद्देश्य स्मार्टफोन में विदेशी ओएस पर निर्भरता को कम करना और स्थानीय रूप से विकसित प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है।

'BharOS' सर्विस वर्तमान में उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिनके पास कड़ी गोपनीयता और सुरक्षा आवश्यकताएं हैं और जिनके यूजर्स संवेदनशील जानकारी को संभालते हैं जिसके लिए मोबाइल पर प्रतिबंधित ऐप्स पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है। ऐसे उपयोगकर्ताओं को निजी 5G नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाओं तक पहुंच की आवश्यकता होती है।

आईआईटी मद्रास ने दी जानकारी...

भारतीय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटि ने कहा कि 'BharOS' सर्विस एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जो भरोसे की नींव पर बनाया गया है। इसके यूजर्स को अधिक स्वतंत्रता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। केवल उन्हीं ऐप्स को चुनने और उपयोग करने के लिए नियंत्रण और लचीलापन जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों। उन्होंने कहा कि आईआईटी मद्रास हमारे देश में भरोस के उपयोग और अपनाने को बढ़ाने के लिए कई और निजी उद्योगों, सरकारी एजेंसियों, रणनीतिक एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता है।

'BharOS' नो डिफॉल्ट ऐप्स (NDA) के साथ आता है। इसका अर्थ है कि उपयोगकर्ताओं को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है जिनसे वे परिचित नहीं हो सकते हैं या जिन पर वे भरोसा नहीं कर सकते हैं।

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित करने वाले स्टार्टअप जेएंडके ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कार्तिक अय्यर ने बताया कि 'BharOS' 'नेटिव ओवर द एयर' (नोटा) अपडेट प्रदान करता है जो उपकरणों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। नोटा अपडेट यूजर्स को मैन्युअल रूप से प्रक्रिया शुरू करने की आवश्यकता के बिना डिवाइस पर स्वचालित रूप से डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाते हैं। 'BharOS' केवल ट्रस्टेड निजी स्टोर को ही एक्सेस देता है।

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