भविष्य के लिए ब्राजील के पुल: जानें कैसे डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा यह देश

4 से 6 दिसंबर 2023 तक भारत में Carnegie India’s eighth Global Technology Summit का आयोजन किया जा रहा है। इसकी सह-मेजबानी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा की जा रही है। Asianet News इस समिट का मीडिया पार्टनर है।

4 से 6 दिसंबर 2023 तक भारत में ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (Carnegie India’s eighth Global Technology Summit) का आयोजन किया जा रहा है। इसकी सह-मेजबानी भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा की जा रही है। समिट का फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य विषय हैं। Asianet News इस समिट का मीडिया पार्टनर है। समिट से पहले हम आपके लिए टेक्नोलॉजी की जियोपॉलिटिक्स पर लेखों की श्रृंखला लेकर आए हैं। इसी क्रम में पेश है स्कॉलर क्रिश्चियन पेरोन का लेख...

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गुआनाबारा खाड़ी पर बना 13.29 किलोमीटर लंबा पुल भले ही अब दुनिया के सबसे लंबे पुलों में से एक न हो, लेकिन ब्राजील के अधिकांश लोगों की नजर में यह अभी भी एक विशाल बुनियादी ढांचा परियोजना है। वहीं, सामाजिक परिवर्तन के मामले में अन्य परियोजनाएं भव्यता में इसे पीछे छोड़ रही हैं। ये नए पुल कंक्रीट की बजाय बाइट्स से बनाए गए हैं।

ब्राजील अपना ध्यान बुनियादी ढांचे की एक नई श्रेणी डिजिटल की ओर दे रहा है। ऐसी कई पहलें हैं जो इस बदलाव को दिखाती हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं:

Pix: यह सेंट्रल बैंक के नेतृत्व वाला त्वरित भुगतान इकोसिस्टम है। 153 मिलियन से अधिक लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी मदद से 2022 में 1 ट्रिलियन से अधिक ब्राजीलियाई रियास (लगभग 200 बिलियन डॉलर) ट्रांसफर किए गए।

gov.br: यह पहचान सत्यापन की सुविधा प्रदान करने वाला सार्वजनिक मंच है। इसके 130 मिलियन से अधिक यूजर हैं। इससे लोगों को सार्वजनिक सेवाओं तक केंद्रीय और आसान पहुंच मिलती है।

DREX: इंटेलिजेंट फाइनेंशियल सर्विसेज सिस्टम है जिसे देश की डिजिटल इकोनॉमी को आगे बढ़ाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसे स्टॉक और डिबेंचर से लेकर रियल एस्टेट तक, हर तरह की संपत्तियों को एक प्लेटफॉर्म से मैनेज किया जा सकेगा।

ये डिजिटल परियोजनाएं व्यवसायों और सरकार को जोड़ने के साथ ही पहुंच के अंतर को कम करने में मदद करती हैं। इससे विकास के अवसर मिलते हैं। संसाधनों और कल्याण का बेहतर वितरण होता है। यह देश की जीडीपी के साथ ही वहां के लोगों में समानता बढ़ाता है।

ब्राजील में Pix से लोगों की बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच 70 से बढ़कर 84 फीसदी हो गई। gov.br प्लेटफॉर्म से 680 मिलियन से अधिक यूजर का सत्यापन हुआ है, जिससे सरकारी खजाने को करीब 3 बिलियन ब्राजीलियाई रियास (लगभग 600 मिलियन डॉलर) की बचत हुई है। DREX आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पर आधारित "स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट टेक्नोलॉजी" के माध्यम से इंटेलिजेंट फाइनेंशियल सर्विसेज की उपलब्धता का लोकतंत्रीकरण होगा।

ये पहल बुनियादी ढांचे के निर्माण के प्रति अधिक खुले दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकती हैं। इन्हें प्रकृति में सार्वजनिक माना जाता है, लेकिन राज्य को इन परियोजनाओं के विकास और रखरखाव का सारा बोझ नहीं उठाना चाहिए। इसके लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी से परे व्यवस्थाएं बनाई जा सकती हैं।

इसे पिक्स के उदाहरण से समझा जा सकता है। पिक्स फोरम में 200 से अधिक संस्थान भाग लेते हैं। ब्राजीलियाई सेंट्रल बैंक (सरकारी इकाई) पिक्स इकोसिस्टम के नियामक और पर्यवेक्षक दोनों की भूमिका निभाता है। यह न केवल नए उपयोग के मामलों और आगे के विकास को प्रोत्साहित करता है बल्कि नुकसान और दुरुपयोग को भी रोकता है।

कुल मिलाकर, भौतिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से डिजिटल परियोजनाओं में बदलाव का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इनमें न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि विश्व स्तर पर भी बड़े पैमाने पर फैलने की क्षमता है। यदि ब्राजील जैसे देश इन परियोजनाओं के मुख्य सिद्धांतों पर सहमत हो सकते हैं तो ऐसा बहुत कम होगा जो उनकी क्षमता को सीमित कर सकता है। इससे असमानता को कम करने में खास मदद मिल सकती है। इसे देखते हुए भविष्य का पुल वास्तव में डिजिटल प्रतीत होता है।

कौन हैं लेखक क्रिश्चियन पेरोन?

क्रिश्चियन पेरोन जॉर्जटाउन लॉ सेंटर में फुलब्राइट स्कॉलर हैं। इनके पास स्प्लिट-साइड पीएचडी (जॉर्जटाउन और यूईआरजे) है। वह इंटरनेशनल रेगुलेशन और टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान देते हैं। उनके पास ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय कानून में एलएलएम और यूरोपीय विश्वविद्यालय संस्थान से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून में डिप्लोमा है। पेरोन अमेरिकी राज्यों के संगठन इंटर-अमेरिकन ज्यूडिशियल कमेटी के पूर्व सचिव हैं। यहां उन्होंने गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर दूत के साथ मिलकर काम किया था। उन्होंने इंटर-अमेरिकी कमीशन और मानवाधिकार न्यायालय के लिए मानवाधिकार विशेषज्ञ के रूप में भी काम किया है। वर्तमान में क्रिश्चियन कानून भागीदार, सार्वजनिक नीति सलाहकार और इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नोलॉजी एंड सोसाइटी, रियो डी जनेरियो (आईटीएस रियो) में अधिकार और टेक्नोलॉजी व गोवटेक टीमों के प्रमुख हैं।

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