आज कल हर दुकान में क्यू आर कोड दिखाई देता है। वहीं हर प्रोडक्ट के ऊपर बार कोड लगा होता है। क्या आपको इनके बारे में और दोनों के बीच का अंतर पता है। तो जानिए दोनों के बीच का अंतर।
टेक डेस्क. देश-दुनिया टेक्नोलॉजी के मामले बेहद तेजी से बढ़ रही है। साथ ही डिजिटलाइजेशन भी तेजी से बढ़ रहा है। अब छोट बड़े उद्योग में भी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। छोटी सी दुकान से लेकर बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स तक क्यू आर कोड और बारकोड दिखाई देते है। पेमेंट्स के लिए क्यू आर कोड का इस्तेमाल करते है, तो कई बार किसी प्रोडक्ट पर बार कोड दिखते है। लेकिन क्या आप जानते है इन दोनों के बीच का अंतर। अगर नहीं तो हम आपको क्यू आर कोड और बारकोड के बारे में बताएंगे।
दोनों के बीच होता अंतर
क्यू आर कोड और बारकोड में बहुत बड़ा अंतर होता है। अब भी कई लोग है, जो दोनों को एक ही समझते हैं। आज हम आपको इन दोनों के बीच के अंतर और इनके इस्तेमाल के बारे में बता रहे है।
सबसे पहले जानिए क्यू आर कोड के बारे में
आमतौर पर क्यू आर कोड को क्यू आर कोड ही कहते है। लेकिन इसका पूरा नाम क्विक रिस्पॉन्स कोड है। आमतौर पर बार कोड का एडवांस्ड वर्जन माना जाता है। यह वर्गाकार यानी स्क्वायर शेप में होता है। इसमें ज्यादा से ज्यादा जानकारी एकसाथ स्टोर की जा सकती है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म में क्विक पेमेंट्स के लिए की जाती है। इसके अलावा कई सारी जानकारियों तक पहुंचने के लिए, वेब लिंक तक पहुंचने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। बता दे कि इसका कॉन्सेप्ट 1994 में मासाहिरो हारा ने किया था।
अब जानिए बार कोड के बारे में
बार कोड भी क्यू आर कोड की तरह ही होता है, लेकिन इसमें अपेक्षाकृत कम जानकारी स्टोर की जा सकती है। इसे ऑप्टिकल डिवाइस के जरिए रीड किया जाता है। बार कोड वर्टिकल लाइन्स का बना होता है। ये रेखाएं बार कोड की पहचान होती है। बार कोड का इस्तेमाल किसी भी प्रोडक्ट की जानकारी को स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह कमर्शियल प्रोडक्ट पर देखने को मिलता है। इसकी शुरुआत 1974 में हुई थी।
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