1947 से 2025: 10 टेक्नोलॉजिकल बदलाव, जिनसे भारत को सुपरपावर बनाया

Published : Aug 06, 2025, 05:13 PM ISTUpdated : Aug 06, 2025, 05:14 PM IST
India technology superpower

सार

Bharat Tech Revolution Journey: 1947 से 2025 तक भारत ने तकनीक की दुनिया में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। पहला उपग्रह आर्यभट्ट से लेकर क्वांटम कम्युनिकेशन तक, आज भारत स्पेस, डिजिटल पेमेंट, हेल्थटेक, AI और स्टार्टअप इनोवेशन में ग्लोबल लीडर बन चुका है। 

Independence Day 2025 Tech Story : 15 अगस्त 1947 को जब हमारा देश आजाद हुआ, तब टेक्नोलॉजी के नाम पर हमारे पास बहुत कम चीजें थीं। न इंटरनेट था, न मोबाइल, न टीवी, न सैटेलाइट और ना ही कंप्यूटर. लेकिन आज 2025 में हम 79वां इंडिपेंडेंस डे मनाने जा रहे हैं, तब भारत एक टेक्नोलॉजी पॉवरहाउस बन चुका है। एक ऐसा देश जो अपनी टेक्नोलॉजी खुद बनाता है, स्पेस में सैटेलाइट भेजता है, और दुनिया को भी नई राह भी दिखा रहा है। इस स्वतंत्रता दिवस पर चलिए जानते हैं वो 10 बड़े टेक्नोलॉजी के बदलाव, जिन्होंने भारत को 'लोकल से ग्लोबल' बना दिया...

पहला उपग्रह 'आर्यभट्ट',स्पेस में भारत की शुरुआत

भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट 19 अप्रैल 1975 को सोवियत यूनियन की मदद से लॉन्च हुआ। यह स्पेस साइंस की दुनिया में का पहला कदम था। आज, 2025 तक भारत सैंकड़ों सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है। ISRO के मिशन चंद्रयान-1 से लेकर चंद्रयान-3 (2023) ने दुनियाभर में भारत को अलग पहचान दी। अब गगनयान (2027 में लॉन्च हो सकता है) जैसे कई स्पेस मिशन पर काम चल रहा है।

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स्कूलों में कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू हुई

भारत सरकार ने नेशनल पॉलिसी ऑन एजुकेशन (1986) के तहत स्कूलों में कंप्यूटर लाने की शुरुआत की। तब कंप्यूटर क्लास एक नया कॉन्सेप्ट था। 2025 में भारत दुनिया के सबसे बड़े IT टैलेंट हब्स में शामिल है। Nasscom रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 50 लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स, 250 अरब डॉलर का IT एक्सपोर्ट है।

भारत में इंटरनेट आया

15 अगस्त 1995 को भारत में पहली बार विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) के जरिए इंटरनेट सर्विस शुरू हुई। इसकी शुरुआती स्पीड सिर्फ 9.6 kbps थी। TRAI की जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, आज 2025 में देश में 96.91 करोड़ करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा डेटा कंज्यूमर है।

UIDAI की शुरुआत, डिजिटल पहचान का पहला कदम

2004 में डिजिटल आइडेंटिटी के लिए विचार शुरू हुआ और 2009 में आधार लॉन्च हुआ। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के अनुसार, अप्रैल 2025 तक भारत की कुल आबादी 146.39 करोड़ है, जबकि 142.39 करोड़ लोगों को आधार कार्ड मिल चुका है। इससे LPG सब्सिडी, बैंकिंग, eKYC, स्कूलों में एडमिशन जैसी सर्विसेज आसान हुईं।

UPI: मोबाइल से पेमेंट की शुरुआत

11 अप्रैल 2016 को NPCI ने UPI (Unified Payments Interface) लॉन्च किया। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अगस्त 2025 में ही एक आंकड़ा जारी किया, जिसमें बताया गया अब देश में हर दिन 70 करोड़ से ज्यादा यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। 2 अगस्त, 2025 को पहली बार एक ही दिन में 70.7 करोड़ से ज्यादा के लेनदेन हुए। भारत के अलावा अब सिंगापुर, फ्रांस और UAE जैसे देशों में भी UPI एक्टिव है।

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कोविड महामारी में डिजिटल इलाज की शुरुआत

कोविड के दौरान Aarogya Setu App, CoWIN पोर्टल, टेलीमेडिसिन ने हेल्थटेक में जबरदस्त बदलाव लाए। 2021-22 के बीच 100 करोड़ से ज्यादा वैक्सीनेशन डिजिटल तरीके से हुआ। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 में भारत का टेलीमेडिसिन मार्केट 5.5 बिलियन डॉलर के पार पहुंच सकता है।

भारत का अपना चिप और इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन शुरू

दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया नाम की एक पहल को हरी झंडी दी थी। इसका मकसद भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बनाने वाली इंडस्ट्री को आगे बढ़ाना है। इसके लिए सरकार ने 76,000 करोड़ रुपए का फंड रखा, ताकि जो कंपनियां इस सेक्टर में निवेश करें, उन्हें आर्थिक मदद मिल सके। इसमें चिप डिज़ाइन, डिस्प्ले यूनिट और पूरे टेक्नोलॉजी स्ट्रक्चर को मजबूत करने पर ज़ोर दिया गया है। 2023 में Micron, Tata और Vedanta ने भारत में चिप प्लांट लगाना शुरू किया। उद्योग से जुड़ी रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2023 में करीब 38 अरब डॉलर का रहा। माना जा रहा है कि 2024 से 2025 के बीच यह आकार बढ़कर 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। अगर ग्रोथ इसी रफ्तार से जारी रही, तो 2030 तक यह मार्केट 100 से 110 अरब डॉलर के बीच हो सकता है।

5G लॉन्च और 6G पर काम शुरू

1 अक्टूबर 2022 को भारत में 5G सर्विस लॉन्च हुई। मार्च 2025 तक की रिपोर्ट के अनुसार, 99.6% जिलों तक 5G पहुंच चुका है और कुल 25 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर इस नेटवर्क का यूज कर रहे हैं। इसके अलावा देश में 6G स्टैंडर्ड्स पर काम चल रहा है, जो यह 2030 तक शुरू हो सकता है।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप देश

2021 में भारत ने 50,000 स्टार्टअप्स का आंकड़ा पार किया। DPIIT की डेटा के अनुसार, 2025 में अभी तक 1.59 लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इनमें से 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं, जिनकी वैल्यू 1 अरब डॉलर से ज्यादा है, जो AI, SpaceTech, AgriTech और EdTech में लीड कर रहे हैं। कई रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन और डीपटेक पर भी काम कर रहे हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है।

DNA टेक्नोलॉजी और जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट

भारत सरकार ने 2020 में 'जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट' शुरू किया था और 2024 तक 10,000 से ज्यादा भारतीयों का जीनोम सीक्वेंस कर लिया गया है। इससे कैंसर, डायबिटीज और जेनेटिक बीमारियों का इलाज पहले से ज्यादा सटीक हो रहा है।

 

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