आज हमारे इर्द-गिर्द हर तरह टेक्नोलॉजी ही नजर आती है। हमारी हर जरूरत टेक्नोलॉजी से पूरी होती है। आज ही के दिन भारत टेक्नोलॉजी डे मनाता है। पहली बार जब यह दिन मनाया गया था, तब भारत की ताकत देख दुनिया हैरान रह गई थी।
टेक डेस्क : आज हमारा देश टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day 2023) सेलिब्रेट कर रहा है। हर साल 11 मई को यह दिन मनाया जाता है। नेशनल टेक्नोलॉजी डे का इतिहास पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) से जुड़ा है। आइए जानते हैं पहली बार यह दिन क्यों मनाया गया था, इसका उद्देश्य क्या है, यह हमारे लिए क्यों खास है?
नेशनल टेक्नोलॉजी डे पहली बार कब मनाया गया
इस दिन के इतिहास की बात करें तो 11 मई, 1999 को पहली बार देश ने नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया था। काउंसिल फॉर टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट की तरफ से यह दिन सेलिब्रेट किया गया था। तब देश के प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी थे। यह दिन खास तौर पर 5 पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट को समर्पित है। क्योंकि 1998 में इसी दिन देश में सफलतापूर्वक न्यूक्लियर परीक्षण हुआ था। इसके साथ ही टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों की उपलब्धि को भी इस दिन सेलिब्रेट हम सब करते हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम की अहम भूमिका
1998 में जब भारतीय सेना पोखरण टेस्ट रेंज में एक साथ 5 विस्फोट कर सफल परीक्षा किया, तब पूरा देश खुश हो गया था। 1974 के पहले न्यूक्लियर टेस्ट 'स्माइलिंग बुद्धा' के बाद देश का यह दूसरा बड़ा न्यूक्लियर परीक्षण था। इसका कोड नाम 'ऑपरेशन शक्ति' रखा गया था। पोखरण न्यूक्लियर परीक्षण की कमान भारत के मिसाइल मैन यानी देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथ थी। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तब भारत के हाथ जो उपलब्धि लगी, उसे ही हर साल टेक्नोलॉजी डे के तौर पर मनाया जाता है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका ऐलान किया था।
नेशनल टेक्नोलॉजी डे 2023 थीम
नेशनल टेक्नोलॉजी हर साल एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। यह थीम साइंस और टेक्नोलॉजी कॉन्सेप्ट पर बेस्ड होती है। पिछले साल की थीम 'Integrated Approach in Science and technology for sustainable future' रखी गई थी। इस बार नेशनल टेक्नोलॉजी डे 2023 की थीम 'School to Startups- Igniting Young Minds to Innovate' रखी गई है।
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