Samsung लाया धांसू EV बैटरी, 9 मिनट में फुल चार्ज और 965 किमी रेंज

हाल ही में सियोल में आयोजित 2024 SNE बैटरी डे पर, Samsung ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए एक खास सॉलिड-स्टेट बैटरी प्रदर्शित की। कंपनी का दावा है कि यह बैटरी सिर्फ 9 मिनट में फुल चार्ज हो सकती है।

दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कारों की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग अब पेट्रोल-डीजल और CNG जैसे पारंपरिक ईंधन के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ग्राहकों की इसी दिलचस्पी को देखते हुए कई दिग्गज टेक कंपनियां EV सेगमेंट में कदम रख रही हैं। अब स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली मशहूर दक्षिण कोरियाई कंपनी Samsung ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक खास बैटरी पेश की है।

हाल ही में सियोल में आयोजित 2024 SNE बैटरी डे पर, Samsung ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए एक खास सॉलिड-स्टेट बैटरी प्रदर्शित की। कंपनी का दावा है कि यह बैटरी सिर्फ नौ मिनट में फुल चार्ज हो सकती है और एक बार चार्ज करने पर इससे इलेक्ट्रिक कार लगभग 600 मील (करीब 965 किलोमीटर) तक की दूरी तय कर सकेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खास तौर पर डिजाइन की गई सॉलिड-स्टेट ऑक्साइड बैटरी है। इस बैटरी की लाइफ करीब 20 साल तक होगी। किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन मालिक की सबसे बड़ी चिंता ड्राइविंग रेंज और बैटरी लाइफ होती है। इस लिहाज से Samsung इस क्षेत्र में क्रांति लाने की तैयारी में है।

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इस Samsung बैटरी को चार्ज करने के लिए 480 kW से 600 kW तक के चार्जर की जरूरत होगी। इसकी वजह से यह बैटरी सिर्फ नौ मिनट में फुल चार्ज हो जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Samsung पहले से ही कई इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के साथ काम कर रही है। भविष्य में आने वाली इलेक्ट्रिक कारों में इस बैटरी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Samsung साल 2027 तक बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू करने के लिए Toyota के साथ भी काम कर रही है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके सबसे पहले Toyota के प्रीमियम सब-ब्रांड Lexus के मॉडल बाजार में उतारे जाएंगे।

सॉलिड-स्टेट ऑक्साइड बैटरियां काफी महंगी होती हैं। इसलिए, Samsung किफायती LFP (लिथियम आयरन फॉस्फेट) और कोबाल्ट-मुक्त बैटरी तकनीक पर भी काम कर रही है। इन बैटरियों की कम कीमत के कारण वाहन निर्माता इन्हें कम कीमत पर खरीद सकेंगे। फिलहाल, इस बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है कि भारत में कोई कंपनी इस Samsung बैटरी का इस्तेमाल करेगी या नहीं।

सॉलिड-स्टेट बैटरी क्या है…
यह एक तरह की लिथियम आयन बैटरी है। लेकिन, इसमें कोई तरल पदार्थ नहीं होता है। स्मार्टफोन की बैटरी में इलेक्ट्रोलाइट नाम का एक तरल पदार्थ होता है, जो लिथियम आयन को स्वतंत्र रूप से बहने देता है। यही आपके डिवाइस को पावर देता है। आज के इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-आयन बैटरियों में कैथोड और एनोड के बीच एक तरल इलेक्ट्रोलाइट घोल का इस्तेमाल किया जाता है। सॉलिड-स्टेट बैटरियों में ठोस इलेक्ट्रोलाइट का इस्तेमाल किया जाता है।

पारंपरिक लिक्विड-इलेक्ट्रोलाइट लिथियम बैटरियों को कार जैसी किसी भी चीज को पावर देने के लिए काफी बड़ा होना पड़ता है। इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। तापमान में बदलाव के कारण, बैटरियां फूल सकती हैं या बहुत ज्यादा दबाव पड़ने पर उनमें लीकेज हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, इनमें मौजूद तरल पदार्थ ज्वलनशील होता है। आपात स्थिति में इससे आग लग सकती है।

लेकिन, सॉलिड-स्टेट बैटरियों में ऐसे किसी भी खतरे की आशंका नहीं होती है। सॉलिड-स्टेट बैटरियों में आम लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में ऊर्जा घनत्व ज्यादा होता है। यानी, वे उसी आकार में ज्यादा ऊर्जा स्टोर कर सकती हैं। इससे इलेक्ट्रिक वाहन ज्यादा दूरी तय कर सकते हैं। सॉलिड-स्टेट बैटरियों को लिक्विड-इलेक्ट्रोलाइट बैटरियों की तुलना में तेजी से चार्ज किया जा सकता है, जो उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए और भी उपयुक्त बनाता है।

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