
Sanchar Saathi App Uninstall: देश में इन दिनों संचार साथी ऐप का मुद्दा छाया हुआ है। सरकार ने इस ऐप को हर मोबाइल में प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। विपक्ष इसे 'स्नूपिंग' और 'निगरानी' बता रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह ऐप फोन से हटाया यानी डिलीट किया जा सकता है? इसी का जवाब मंगलवार, 2 दिसंबर को केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया। उन्होंने साफ कहा कि अगर आप संचार साथी ऐप अपने फोन में नहीं रखना चाहते, तो उसे डिलीट कर सकते हैं। यह पूरी तरह ऑप्शनल है। आइए जानते हैं संचार साथी ऐप क्या है और इसे कैसे डिलीट कर सकते हैं...
DoT (Department of Telecommunications) का कहना है कि यह ऐप नागरिकों को फर्जी फोन, चोरी हुए मोबाइल, सिम फ्रॉड और टेलीकॉम मिसयूज़ से सुरक्षित रखने के लिए तैयार किया गया है। सरकार चाहती है कि हर नया फोन संचार साथी के साथ आए। ताकि यूजर्स आसानी से फ्रॉड या चोरी की शिकायत कर सकें। मोबाइल की असली-नकली पहचान तुरंत पता चल सके। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में फोन कंपनियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ऐप पहले से इंस्टॉल, पहली सेटअप स्क्रीन पर दिखने वाला और फंक्शनल हो। जो फोन पहले से मार्केट में हैं, उनमें यह ऐप सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए भेजने का निर्देश दिया गया है। कंपनियों को 90 दिनों के भीतर इस नियम को लागू करना है और 120 दिनों में रिपोर्ट सौंपनी है।
सरकार के आदेश के बाद कांग्रेस ने इस ऐप को 'स्नूपिंग टूल' बताते हुए इसका विरोध किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि हर नागरिक का प्राइवेसी का अधिकार है और सरकार इस सीमा को पार कर रही है। उनका दावा है कि सरकार हर फोन में झांकना चाहती है, साइबर सुरक्षा के नाम पर लोगों की पर्सनल चैट और डाटा तक पहुंच बनाई जा रही है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि धोखाधड़ी रिपोर्ट करने और लोगों पर निगरानी करने में एक पतली लाइन होती है और संचार साथी उस लाइन को पार कर रहा है।
सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि आप चाहें तो इस ऐप को डिलीट कर सकते हैं। इसे फोन में रखना या न रखना यूजर की अपनी पसंद है। यह बयान उन सभी लोगों के लिए राहत की खबर है जो प्राइवेसी को लेकर चिंतित थे।
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