जुर्माने की राशि चुकाने के लिए गूगल को 30 दिन की मोहलत दी गई है। इस समय में कंपनी को पूरे पैसे भरने होंगे। हालांकि गूगल के पास अभी एक मौका और है और वह सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जा सकता है।
टेक डेस्क : ChatGPT का तोड़ निकालने जहां एक तरफ गूगल (Google) लगातार काम कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ कंपनी को तगड़ा झटका लगा है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया के फैसले को बरकरार रखते हुए गूगल को पर 1,338 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। कंपनी को ये पैसे 30 दिन के अंदर-अंदर तक भरने होंगे। वहीं, लॉ कंपनी ने उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उस पर सीसीआई ने गूगल के खिलाफ फैसला सुनाने में पक्षपात का आरोप लगाया था। अब गूगल को एक महीने में जुर्माना देना होगा। हालांकि गूगल के बाद अभी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जाने का रास्ता बचा हुआ है।
गूगल को किस गलती की मिली सजा
साल 2018 की बात है, जब कुछ एंड्रॉयड यूजर्स ने कंपटीशन कमिशन ऑफ इंडिया से कहा था कि गूगल ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़े मार्केट में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए मोबाइल कंपनियों पर अपने ऐप्स जबरदस्ती इंस्टॉल करने का दबाव बनाता है। एंड्रॉयड यूजर्स का कहना था कि गूगल की MADA पॉलिसी पूरी तरह गलता है और जांच की मांग की थी। इन आरोपो की जांच में CCA ने आरोपों को सही पाया और 2022 में गूगल पर 1,338 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद अब गूगल को एक महीने का वक्त दिया गया है।
ChatGPT से मुकाबले की तैयारी
दूसरी तरफ, चैट जीपीटी से मुकाबला करने के लिए गूगल ने अपना एआई टूल बार्ड जारी कर दिया है। अभी सिर्फ चुनिंदा यूजर्स ही इसका इस्तेमाल कर पा रहे हैं। गूगल का बार्ड एकदम चैट जीपीटी की तरह ही काम करता है। हालांकि, गूगल की तरफ से खुद बताया गया है कि अभी यह टूल कुछ सवालों का जवाब गलत भई दे सकता है। यह डेवलपिंग फेज में है।
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