2021 में करीब 1,157 घंटे तक इंटरनेट बंद रहा। जिससे 4,300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। नेट बंद रहने की वजह से फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जैसे महत्वपूर्ण काम ठप रहे और राजस्व को नुकसान उठाना पड़ा। करीब 5.9 करोड़ प्रभावित हुए।
टेक डेस्क : 5 साल में भारत ने सबसे ज्यादा बार इंटरनेट बंद किया है। सोचिए क्या होगा अगर इंटरनेट कनेक्शन (Internet connection) न हो..हमारा लैपटॉप, डेस्कटॉप, स्मार्टफोन सब सिर्फ डिब्बा बनकर रह जाएगा। इंटरनेट एडवोकेसी वॉचडॉग एक्सेस नाउ की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटरनेट बंद करने के मामले में भारत दुनिया में नंबर वन है। पिछले 5 साल में यहां सबसे ज्यादा बार इंटरनेट शटडाउन हुए हैं। आइए जानते हैं क्या है रिपोर्ट...
एक साल में 84 बार इंटरनेट शटडाउन
एक्सेस नाउ की रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरी दुनिया में पिछले साल 187 बार इंटरनेट शटडाउन हुए। भारत में अकेले ही 84 बार शटडाउन किया गया। 49 बार जम्मू- कश्मीर (Jammu and Kashmir), 12 बार राजस्थान और 7 बार पश्चिम बंगाल में नेटबंदी हुई। जम्मू-कश्मीर में तो लगातार 16 बार इंटरनेट बंद किया गया। जनवरी से फरवरी तक ऐसा ही चलता रहा। राजस्थान में परीक्षाओं में नकल रोकने की वजह से इंटरनेट बंद किया गया और पश्चिम बंगाल में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से।
इंटरनेट शटडाउन से करोड़ों का नुकसान
2021 में करीब 1,157 घंटे तक इंटरनेट बंद रहा। जिससे 4,300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। नेट बंद रहने की वजह से फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जैसे महत्वपूर्ण काम ठप रहे और राजस्व को नुकसान उठाना पड़ा। इस दौरान एक साल में ही करीब 5.9 करोड़ लोग इंटरनेट बंद होने से प्रभावित हुए। भारत के बाद अगर किसी देश में सबसे ज्यादा बाद नेटबंदी हुई है तो उसमें दूसरा स्थान यूक्रेन का है, जहां 22 बार शटडाउन किया गया और तीसरे नंबर पर ईरान में 18 बार नेटबंदी की गई।
इंटरनेट शटडाउन
बता देंकि कि जब कोई सरकार देश, राज्य, जिले या किसी क्षेत्र में स्थिति को कंट्रोल करने के लिए नेट पर पाबंदी लगा देती है, तब इसे इंटरनेट शटडाउन कहते हैं। भारत में नेटबंदी तब की जाती है, जब कोई हिंसा या आंदोलन बड़े लेवल पर पहुंच जाता है। जहां भी इंटरनेट शटडाउन होता है, वहां उस दौरान नेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
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