...तो क्या Social Media से हो जाएगी 1 करोड़ लोगों की मौत ! कौन है ये महिला जो कर रही इस तरह की 'भविष्यवाणी'

सोशल मीडिया का हमारे समाज पर काफी इंपैक्ट पड़ रहा है। इसका काफी निगेटिव असर देखने को मिल रहा है। अब Meta की व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन ने इसको लेकर आगाह किया है। सोशल मीडिया को और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया है।

Contributor Asianet | Published : Jun 13, 2023 10:47 AM IST

टेक डेस्क : 'अगर सोशल मीडिया में सुधार नहीं हुआ तो आने वाले सालों में इससे 10 मिलियन यानी एक करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है।' मार्क जुकरबर्क की कंपनी Meta की व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन (Meta whistleblower Frances Haugen) ने आगाह करते हुए ये बात कही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हौगेन ने संडे टाइम्स से बातचीत करते हुए यह बात कही है। उन्होंने 2021 तक Facebook के साथ काम किया है। हौगेन ने ही 'द फेसबुक फाइल्स' नाम से डॉक्यूमेंट लीक कर दिया, जिसे वॉल स्ट्रीट जर्नल में पब्लिश किया गया था। इसमें रिसर्च रिपोर्ट और कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत शामिल है।

सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट्स

जर्नल ने इस रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए बताया कि 'मेटा ने टीनएजर्स के मेंटल हेल्थ पर Instagram के प्रभावों को कम महत्व दिया है। भारत में धार्मिक नफरत फैलाने में फेसबुक ने मदद की है।' वहीं, वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि Frances Haugen ने अपने एक लेख में बताया है कि सोशल मीडिया में टांसपरेंसी की कमी है। जिसकी वजह से डैमेज होता ही जा रहा है। वह अपनी लेख में लिखती हैं कि 'मेटा का प्रॉफिट इस बात पर निर्भर करता था कि कोई इस बात से ही वाकिफ नहीं कि फेसबुक-इंस्टाग्राम के पब्लिकली स्टोरिज और सच्चाई में कितना अंतर है।'

सोशल मीडिया मौत का कारण कैसे

Frances Haugen का कहना है कि 'सोशल मीडिया में काफी सुधार की जरूरत है। हमें भी सोशल मीडिया को समझने के तरीकों में काफी बदलाव लाना है। सच्चाई तो यही है कि इस कल्चर को बदल पाना इतना आसान नहीं है।' उन्होंने संडे टाइम्स से कहा कि, 'हम इस पर कैसे सहमति बना सकते हैं, यह देखने वाली बात है क्योंकि अगर इस समस्या का समाधान हमने नहीं निकाला तो आने वाले 20 साल में लाखों लोग मारे जाएंगे।'

क्या म्यांमार नरसंहार के लिए फेसबुक जिम्मेदार

बता दें कि रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में UN की जांच टीम ने कहा कि म्यांमार में जो नरसंहार हुआ, उसके लिए कुछ हद तक फेसबुक भी जिम्मेदार रहा। वहीं, एक ब्रिटिश टीनएजर के सुसाइड के लिए दोषी माने जाने के बाद इंस्टाग्राम ने भी कई नीतिगत बदलाव किए। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनियाभर में कई ऐसी घटनाएं हुई जिसका कारण सोशल मीडिया ही रहा।

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