इस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2022 तक एक लाख से ज्यादा साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हुई हैं। पिछले 5 साल में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है।
टेक डेस्क : कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) की हालत बद से बदतर होती जा रही है। अपने कारनामों से दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहे जिन्नालैंड में न खाने को आटा है और ना ही चलाने को डाटा...यह हम नहीं यह कह रही है ‘बाइट्स फॉर ऑल’ संगठन की ‘पाकिस्तान इंटरनेट लैंडस्केप 2022’ की रिपोर्ट। इस रिपोर्ट ने एक बार फिर से पूरी दुनिया में पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी है। रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल 2022 में पाकिस्तान में लाखों लोगों के पास न मोबाइल है और ना ही इंटरनेट एक्सेस (Internet In Pakistan) की सुविधा। इसका मतलब 'डिजिटल पाकिस्तान' की हालत एकदम पस्त है।
पाकिस्तान यहां भी फिसड्डी
बाइट्स फॉर ऑल मानवाधिकार और वकालत संगठन है। पिछले साल पाकिस्तान में मानवाधिकारों एवं सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के बीच के तालमेल को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, आज भी पाकिस्तान की 15 प्रतिशत आबादी के पास इंटरनेट और मोबाइल ही नहीं है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट पहुंचाने और डिजिटल कंट्री बनाने में पाकिस्तान दुनिया में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। हालांकि, रिपोर्ट में इसकी स्थिति को पहले से थोड़ा बेहतर बताया गया है लेकिन यह नीचले पायदान पर खड़ा है।
पाकिस्तान में इतने लोगों के पास मोबाइल नहीं
इस रिपोर्ट के मुताबिस, आज भी पाकिस्तान की 15 प्रतिशत आबादी यानी लाखों लोग बिना इंटरनेट और मोबाइल के रहते हैं। इंटरनेट और डिजिटल गवर्नेंस में पाकिस्तान एशिया के 22 देशों में सबसे नीचे है। दुनिया में पाक का नंबर 79वां है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं के लिए इंटरनेट एक्सेस और मोबाइल फोन एक्सेस काफी कठिन है। पाक में इसमें भी लैंगिंग अंतर देखा गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पावर क्राइसिस और विनाशकारी बाढ़ की वजह से लोड शेडिंग और ब्लैकआउट की समस्या हुई और इस वजह से इंटरनेट की पहुंच और ऑनलाइन के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ा है।
पाक में बढ़ रही साइबर क्राइम
इस रिपोर्ट में डिजिटल गवर्नेंस में पाक सरकार की फेलियर को भी बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संघीय और प्रांतीय सरकारों ने कई ऑनलाइन पहल शुरू की लेकिन ‘डिजिटल पाकिस्तान’ में कोई सुधार नहीं है। पाकिस्तान में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2022 तक एक लाख से ज्यादा साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हुई हैं। पिछले 5 साल में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है।
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