ChatGPT से क्यों हारा Google Bard? सुंदर पिचाई ने बताई वजह, कहा- कभी-कभी तो डर भी लगता है..

गूगल ने इसी साल 21 मार्च को आम लोगों के लिए गूगल बार्ड को रोलआउट किया था। बार्ड भी ChatGPT और बिंग चैटबॉट की तरह ही बड़े भाषा मॉडल यानी LLM पर आधारित है। इसे अभी और भी अपडेट किया जाएगा।

Satyam Bhardwaj | Published : Apr 3, 2023 9:08 AM IST

टेक डेस्क : ChatGPT को टक्कर देने के लिए Google ने हाल ही में अपना AI टूल Bard लॉन्च किया है। इसे चैट जीपीटी का कॉम्पिटीटर बताया गया है। हालांकि, यह टूल चैटजीपीटी के सामने अब तक नहीं टिक पाया है। लॉन्च होने के बाद से ही यह आलोचना का शिकार हो रहा है। जिन काम को चैटजीपीटी बड़े ही आसानी से कर लेता है, उसे करने में बार्ड फेल हो रहा है। इसी को देखते हुए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) जल्द ही ज्यादा कैपेबल और पावरफुल एआई मॉडल लॉन्च करने की बात कही है।

ChatGPT से क्यों हारा Bard

बता दें कि गूगल ने इसी साल 21 मार्च को आम लोगों के लिए गूगल बार्ड को रोलआउट किया था। हालांकि यह OpenAI के ChatGPT और Microsoft के बिंग चैटबॉट के सामने हार गया। जिसको लेकर न्यूयार्क टाइम्स के हार्ड फोर्क पॉडकास्ट में सुंदर पिचाई ने कहा कि उनकी टीम जल्द ही ज्यादा सक्षम मॉडल लेकर आएगी। ऐसा जल्द से जल्द होगा। बार्ड को और भी अपग्रेड किया जाएगा। बेहतर पाथवेज लैंग्वेज मॉडल (PaLM) मॉडल में बार्ड का अपडेशन होगा। इसका फायदा यह होगा कि बार्ड ज्यादा सक्षम और रीजनिंग, कोडिंग और मैथ्स के सवालों को सॉल्व कर पाएगा।

Bard इसलिए भी पीछे रह गया

सुंदर पिचाई ने बताया कि ' अगले हफ्ते से Bard में प्रॉसेस देख पाएंगे। बार्ड की कैपेसिटी काफी लिमिटेड थी। ऐसा सावधानी रखने के लिए किया गया था। Bard को हमने इसलिए भी लिमिटेड रखा ताकि कंफर्म हो सके कि यह आम लोगों के लिए ठीक है या नहीं। ऐसे सिचुएशन में ज्यादा सक्षम मॉडल लाना ठीक नहीं था।' पिचाई ने आगे यह कहा कि कंपनी के को फाउंडर लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन से लगातार चर्चा कर रहे हैं।

कहीं समाज के लिए खतरा न बन जाए AI

सुंदर पिचाई ने कहा कि, कभी-कभी तो डर भी लगता है कि कहीं AI समाज के लिए खतरा न बन जाए। क्योंकि यह जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, उससे चिंता हो रही है। पिचाई ने इस बात से भी साफ इनकार कर दिया कि गूगल Bard को ट्रेन करने के लिए चैटजीपीटी के डेटा की मदद ली गई थी। बता दें कि बार्ड भी ChatGPT और बिंग चैटबॉट की तरह ही बड़े भाषा मॉडल (LLM) पर आधारित है।

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