WhatsApp अब बिना SIM नहीं चलेगा? 6 घंटे में खुद हो जाएगा लॉगआउट

Published : Nov 29, 2025, 10:33 PM IST
whatsapp sim mandatory rule

सार

WhatsApp SIM Mandatory: सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए वॉट्सऐप, टेलीग्राम जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स को सक्रिय SIM से अनिवार्य रूप से लिंक करने का आदेश दिया है। SIM हटते ही ऐप बंद होगा और वेब लॉगिन हर 6 घंटे में री-वैरीफाई करना पड़ेगा। 

New Telecom Rules 2025: वॉट्सऐप, टेलीग्राम, स्नैपचैट, शेयरचैट, जियोचैट और अरट्टाई जैसे ऐप्स के करोड़ों यूजर्स के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब ये मैसेजिंग ऐप्स बिना सक्रिय SIM कार्ड के नहीं चल पाएंगे। सरकार के नए दूरसंचार साइबर सुरक्षा संशोधन नियम 2025 (Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules 2025) के तहत ऐप-बेस्ड कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म्स को पहली बार टेलिकॉम सेक्टर की तरह रेगुलेट किया जाएगा।

क्या है नया नियम?

सरकार ने साफ कहा है कि इन ऐप्स को सुनिश्चित करना होगा कि SIM कार्ड डिवाइस में लगातार एक्टिव रहे, सिम हटते ही ऐप की सर्विस बंद हो जाए, 90 दिनों के अंदर यह सिस्टम हर ऐप में लागू करना होगा। जो लोग वेब ब्राउज़र पर वॉट्सऐप वेब जैसे फीचर्स का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब हर 6 घंटे में वेब लॉगिन अपने आप लॉगआउट हो जाएगा। दोबारा लॉगिन करने के लिए QR कोड री-वैरीफिकेशन जरूरी होगा। सरकार का दावा है, ये कदम फ्रॉड, साइबर क्राइम और अंतरराष्ट्रीय स्कैम ऑपरेशन्स को रोकने के लिए बेहद जरूरी है।

क्यों लिया गया ये सख्त फैसला?

DoT का कहना है कि अभी ऐप्स में सबसे बड़ा सिक्योरिटी लीक यही है। पहली बार मोबाइल नंबर वैरीफाई होता है। उसके बाद सिम हट जाए, बंद हो जाए या बदल दी जाए, फिर भी ऐप बिना रुकावट चलता रहता है! ऐसे में स्कैमर्स दूसरे देशों से भी फर्जी नंबर चलाते रहते हैं, लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड या कैरियर डेटा से उन तक पहुंचना लगभग नामुमकिन होता है और फाइनेंशियल फ्रॉड और स्पैम को रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है। COAI (Cellular Operators Association of India) का कहना है कि लगातार सिम बाइंडिंग से यूजर, नंबर और डिवाइस के बीच ट्रेसेबिलिटी कायम रहेगी। यह तरीका बैंकिंग और UPI ऐप्स की तरह सुरक्षा मजबूत करेगा।

क्या SIM बाइंडिंग सच में सुरक्षा देगा?

एक्सपर्ट्स की राय दो हिस्सों में बंटी है। कुछ ने इसके फायदे बताए हैं। उनका कहना है कि इससे धोखाधड़ी कम होगी, हर ऐप यूज सिम वैरीफाइड होगा और फ्रॉडर्स की पहचान आसान हो जाएगी। जबकि कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नकली IDs से सिम निकालना आज भी आसान है, स्कैमर्स इससे भी बच निकल सकते हैं, लॉगिन एक्सपीरिएंस बेहद असुविधाजनक हो सकता है और प्राइवेसी को लेकर कई सवाल उठ सकते हैं। लाखों लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अब वॉट्सऐप वेब 24 घंटे लॉगिन नहीं रहेगा।

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