यूट्यूब का अनोखा सफर: पहला वीडियो और करोड़ों व्यूज की कहानी

यूट्यूब, आज एक जाना-माना नाम, कैसे बना? इसके पहले वीडियो 'मी एट द ज़ू' से लेकर अरबों व्यूज तक का सफर, जानिए यूट्यूब की अनसुनी कहानी।

rohan salodkar | Published : Oct 16, 2024 9:14 AM IST / Updated: Oct 16 2024, 02:45 PM IST

आज यूट्यूब एक जाना-पहचाना नाम है। किसी भी विषय पर कोई भी सवाल हो, यूट्यूब पर उसका वीडियो मिल ही जाता है। यूट्यूब पर भरोसा करके कई लोग अपनी ज़िंदगी चला रहे हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एमबीबीएस डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, बड़े बिजनेसमैन... ऐसे कई लोग हैं जो यूट्यूब से ही अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा कमाते हैं। यूट्यूब का जादू सब पर छाया हुआ है। दुनिया भर में रोज़ाना लगभग 5 अरब लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, जिनमें से करीब 2.1 अरब यूट्यूब यूजर हैं। यह आज एक बहुत बड़ा व्यवसाय बन गया है। हममें से ज़्यादातर लोगों के लिए, यह हमारे रोज़ के मनोरंजन का ज़रिया है और कुछ के लिए यह उनकी कमाई का ज़रिया है। इस तरह सबकी ज़िंदगी में छाए यूट्यूब की शुरुआत कैसे हुई? पहला वीडियो कौन सा था? सबसे पहले मिलियन व्यूज किस वीडियो को मिले? ये सब जानकारी यहां दी गई है। 
 
14 फरवरी 2005 को चाड हर्ले, स्टीव चेन और जावेद करीम ने यूट्यूब की शुरुआत की। दुनिया भर में वीडियो शेयर करने का मकसद था। यूट्यूब से पहले, ऐसा कोई ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म नहीं था। इसलिए, चाड हर्ले, स्टीव चेन और जावेद करीम ने एक ऐसी वेबसाइट बनाने की योजना बनाई जहां वे अपने खूबसूरत पलों की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग शेयर कर सकें। ये तीनों अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी पेपाल के पूर्व कर्मचारी थे - स्टीव चेन, चाड हर्ले और जावेद करीम।

यहीं से यूट्यूब की शुरुआत हुई। यूट्यूब वीडियो अपलोड करने वाली सबसे लोकप्रिय वेबसाइट और गूगल के बाद दूसरी सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली वेबसाइट बन गई। 23 अप्रैल 2005 को, इन दोस्तों ने "मी एट द ज़ू" नाम का पहला वीडियो अपलोड किया। हालांकि, वीडियो पोस्ट करने से पहले कई कदम उठाने पड़ते थे और यूजर्स को वीडियो देखने के लिए पैसे देने पड़ते थे। फिर इन्होंने सोचा कि यूजर्स को यह सुविधा कैसे आसानी से दी जाए। इन्होंने देखा कि फ़्लिकर जैसी नई वेबसाइटों ने डिजिटल फ़ोटो शेयर करना आसान बना दिया है। 

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शुरुआत में, इन तीनों ने सबके लिए एक आसान सॉफ्टवेयर बनाने का फैसला किया। बिना किसी खास सॉफ्टवेयर के वीडियो अपलोड और देखने वाला ऐप बनाने का काम शुरू किया। शेयर किए गए वीडियो को देखने के लिए साइट यूजर्स को रजिस्टर करने की ज़रूरत न पड़े, इसके लिए इन्होंने कोशिश की। इन सबका नतीजा यह हुआ कि नवंबर 2005 में यूट्यूब लॉन्च हुआ। उसी महीने यूट्यूब को 11.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले। यूट्यूब के तीन सह-संस्थापकों में से एक, जावेद करीम ने पहला वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया था, जो सैन डिएगो चिड़ियाघर में शूट किया गया 18 सेकंड का वीडियो था और जिसका नाम "मी एट द ज़ू" रखा गया था। 24 अप्रैल 2005 को अपलोड किए गए इस वीडियो को 240 मिलियन व्यूज मिले हैं।

हर रोज़ लगभग 65 हज़ार नए वीडियो पोस्ट किए जाते थे। 100 मिलियन व्यूज भी आए। उसी साल गूगल ने यूट्यूब को 1.65 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीद लिया। यूट्यूब में वीडियो विज्ञापन भी शामिल हुए। अगस्त 2007 में, जनवरी 2009 में, इसका मार्केट शेयर 43% और 6 अरब वीडियो व्यूज थे। तब से, यूट्यूब कलाकारों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बेहतरीन मंच बन गया है। 

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